Puja Khedkar News: ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर की UPSC एग्जाम में गड़बड़ी मामले में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग पतों पर कई प्रकार की डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था. अब मालूम चला है कि अगस्त 2022 में पूजा खेडकर को विकलांगता सर्टिफिकेट दिया गया था. पूजा खेडकर ने साल 2022 में इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई किया था. उसी साल 24 अगस्त को उनकी जांच हुई और विशेषज्ञों ने पाया कि उनके बाए घुटने में सात प्रतिशत लोकोमोटर डिजेबिलिटी है, इस हिसाब से उन्हें सर्टिफिकेट इश्यू किया गया था. 


यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल हॉस्पिटल के डीन डॉ. राजेंद्र वाबले ने आधिकारिक बया देते हुए कहा कि बेंचमार्क डिजेबिलिटी 40 फीसदी होती है. यानी 40 प्रतिशत विकलांगता की पुष्टि होने पर सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकता है. पूजा खेडकर को सात फीसदी का विकलांगता सर्टिफिकेट दिया गया है. इसे किसी भी तरह की विकलांगता ना होने के बराबर देखा जाता है. ऐसे में उन्हें सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं दी जा सकती. 






मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अहमदनगर के जिला अस्पताल से पूजा खेडकर को 2018 में विजुअल डिसेबिलिटी का प्रमाणपत्र दिया गया था. वहीं, उनके लिए साल 2021 में मानसिक विकलांगता का प्रमाणपत्र भी जारि किया गया था. इसके बाद भी पूजा ने साल 2022 में पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल और जिला अस्पताल में विकलांग प्रमाणपत्र के लिए अप्लाई किया था.


एक बार से ज्यादा नहीं कर सकते अप्लाई
डॉक्टर राजेंद्र वाबले ने बताया कि एक बार सर्टिफिकेट जारी होने के बाद इसके लिए दोबारा अप्लाई नहीं किया जा सकता. यह तभी हो सकता है जब सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट ने इसकी इजाजत दी हो. अगर सर्टिफिकेट में जारी किए गए परसेंटेज से एप्लीकेंट संतुष्ट नहीं है, तो वह डिपार्टिमेंट से अपील कर सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि पूजा खेडकर ने विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए फिर अप्लाई किया था, लेकिन एक बार उनकी एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी गई थी. 


पूजा खेडकर के आवेदन को पुणे के औंध अस्पताल ने खारिज कर दिया था. वजह में बताया गया था कि 23 अगस्त 2022 को भी उनकी ओर से विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया गया था, जिसकी जांच भी पूरी हो गई थी. ऐसे में टीम ने रिपोर्ट के आधार पर उनकी जांच को उचित ना  मानते हुए उनकी एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी. इसके बाद पूजा खेडकर ने पिंपरी-चिंचवड के सरकारी अस्पताल में विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए फिर आवेदन दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया था. 


पूजा खेडकर का दावा- मानसिक रूप और नजर से भी है दिक्कत
गौरतलब है कि पूजा खेडकर ने यूपीएससी को दिए हलफनामे में बताया था कि वह मानसिक रूप से अक्षम हैं और उन्हें आंखों से भी दिक्कत है. वहीं, पूजा ने मेडिकल टेस्ट देने से भी कई बार मना कर दिया था जबकि मेडिकल टेस्ट देना जरूरी है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि साल 2022 के अप्रैल में पूजा का मेडिकल टेस्ट एम्स में होना था, लेकिन उस दौरान उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देते हुए इसे अटेंड नहीं किया. अब यह बात साफ नहीं है कि जब पूजा एग्जाम में शामिल नहीं हुईं, तो सेलेक्शन कैसे हुआ? 


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