Ideas of India: '...हम कहां मौका छोड़ने वाले थे', एकनाथ शिंदे से गठबंधन पर देवेंद्र फडणवीस का खुलासा
Ideas of India Summit: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा कि जिस दिन कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनी थी, उसी दिन से एकनाथ शिंदे को लगता था कि ये ठीक नहीं है.
Ideas of India Summit 2024: आइडिया ऑफ इंडिया समिट 2024 में हिस्सा लेते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एकनाथ शिंदे के साथ सियासी रिश्ते और गठबंधन की राजनीति का जिक्र किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य के मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे से हमारे रिश्ते पहले से अच्छे थे. मेरे साथ मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर भी उन्होंने काम किया था. महाराष्ट्र के मेजर प्रोजेक्ट पर हमारे साथ उन्होंने काम किया.
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि एकनाथ शिंदे ( Eknath Shinde) कट्टर शिवसैनिक रहे हैं. वो हिंदुत्वादी और बालासाहब को मानने वाले लोगों में से शामिल हैं. उन्होंने राज्य की पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताया कि उद्धव ठाकरे जब बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ जा रहे थे, तब भी एकनाथ शिंदे इसके खिलाफ थे. उस समय मध्यस्थता करने वाले में शिंदे थे, उनकी कोशिश थी कि उद्धव ठाकरे और बीजेपी के बीच बातचीत हो. उस समय उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, इसलिए ये बात मानी नहीं.
एकनाथ शिंदे को लेकर क्या बोले फडणवीस?
आइडिया ऑफ इंडिया समिट के दौरान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा कि जिस दिन कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनी थी, उसी दिन से एकनाथ शिंदे को लगता था कि ये ठीक नहीं है. शिवसेना में एक बड़े वर्ग को लगता था कि जिसका हमने हमेशा विरोध किया, उसके साथ हम सरकार में हैं. विचारधारा के खिलाफ था.
'हम कहां मौका छोड़ने वाले थे'
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि उनसे हमारी बातचीत तो थी ही. धीरे-धीरे उद्धव ठाकरे के बर्ताव से उनलोगों को लगा कि हम तो अपना अस्तित्व ही खो देंगे. उसके बाद उनलोगों ने तय किया और तय करने के बाद हमसे बातचीत शुरू की, तो हम मौका छोड़ने वाले थे नहीं. मैंडेट तो था, हमारे साथ ही ये लोग चुनकर आए थे, हमने गठबंधन कर लिया और सरकार बना ली. उन्होंने ये भी कहा कि 2019 में जनता के मैंडेट को ठुकराया नहीं जाता तो ऐसी परिस्थितियां नहीं बनती. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन इमोशनल है जबकि अजीत पवार के साथ हमारा गठबंधन स्ट्रैटेजिक है.
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