Wardha Illegal abortion case: आर्वी पुलिस ने मंगलवार को कदम हॉस्पिटल मामले को लेकर एक नया मामला दर्ज किया है. इस नई एफआईआर में पुलिस ने सरकारी अस्पताल से दवाईयां चोरी करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने कदम हॉस्पिटल के 4 डॉक्टरों के खिलाफ प्रक्रियात्मक उल्लंघन और दवाईयां चोरी करने का मामला दर्ज किया है.
अवैध रूप से अबॉर्शन करने का मामला सामने आने के बाद से ही कदम परिवार द्वारा चलाया जा रहा ये अस्पताल पुलिस की नजर में है. ताजा एफआईआर आर्वी जिला अस्पताल के डॉक्टर मोहन ही सुते और अधीक्षक की शिकायत के बाद दर्ज की गई है. बता दें कि सुते वर्धा सिविल सर्जन डॉक्टर सचिन तदस द्वारा कदम हॉस्पिटल का निरीक्षण करने वाली टीम का हिस्सा हैं. यह टीम 15 जनवरी को निरीक्षण करने गई थी.
जांच में सामने आई ये नई बातें
डॉक्टर सुते ने अपनी जांच में पाया कि अस्पताल में 7 बेड हैं जबकि उनके पास इजाजत केवल 5 बेड्स की है. साथ ही डॉ. रेखा कदम ने अपनी एमएस की डिग्री को महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के पास रजिस्टर नहीं करवाया. उन्होंने कहा कि डॉ. नीरज कदम जो कि आर्वी जिला अस्पताल में साल 2018 से कॉन्ट्रेक्ट पर 50 हजार प्रति महिना पर नौकरी कर रहे हैं, एसटीपी दवा का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. अस्पताल से 90 ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व 71,764 माला डी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स मिली. सुते ने आरोप लगाया है कि डॉ. नीरज कदम अस्पताल से दवाइयां चोरी करते थे. ताजा एफआईआर में आईपीसी की धारा 409, व सेक्शन 12 और सेक्शन 29 महाराष्ट्र नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत दर्ज की गई है.
गृह विभाग ने दिखाई सख्ती
गृह विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों को लेकर लोकल पुलिस को सचेत रहने की जरूरत है साथ ही अस्पतालों को मॉनिटर करने की जरूरत है. इससे समय रहते सही कदम उठाए जा सकेंगे और आरोपियों को सजा दी जा सके. साथ ही विभाग ने बताया कि इस मामले में अब तक तीन लोग जिसमें एक डॉक्टर और 2 नर्स शामिल हैं को गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल जांच कमेटी इस मामले को देख रही. बता दें कि इस मामले में अब तक कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
क्या है मामला
आर्वी के एक अस्पताल में 13 वर्षीय लड़की के गर्भपात का मामला सामने आया था. जिसके बाद अस्पताल में चल रहे अवैध गर्भपात के रैकेट का खुलासा हुआ. पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो अस्पताल के पिछले हिस्से से 11 खोपड़ियों के हिस्से और 54 हड्डियां बरामद की थी. पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए जब्त की गयी खोपड़ियां और हड्डियों के साथ गड्ढे से निकला बायोमेडिकल सरकारी डॉक्टरों को सौंप दिया है. पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए डीएसपी, पुलिस इन्स्पेक्टर, महिला पुलिस की समिति बनाई है.
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