Maharashtra Voter ID: महाराष्ट्र में अब आधार से लिंक होगा वोटर आईडी कार्ड, 1 अगस्त से शुरू होगी प्रक्रिया
Voter ID cards to be linked to Aadhaar: महाराष्ट्र में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा. पूरे प्रदेश में 1 अगस्त से प्रक्रिया शुरू होगी.
Maharashtra Voter ID Linked Aadhar Card: महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) श्रीकांत देशपांडे ने जानाकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अब वोटर आईडी कार्ड से आधार कार्ड को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही राज्य चुनाव आयोग अधिकारी देशपांडे ने कहा कि इसके लिए 1 अगस्त 2022 से पूरे राज्य में प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
श्रीकांत देशपांडे ने कहा कि मतदाताओं की पहचान स्थापित करने और मतदाता लिस्ट में प्रविष्टियों के प्रमाणीकरण के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. क्योंकि एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में या एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण की पहचान करने के लिए अब वोटर आईडी कार्ट को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा. भारत निर्वाचन आयोग 1 अगस्त से पूरे राज्य में मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान शुरू करेगा.
Now Voter ID cards to be linked to Aadhaar card with a view to establish identity of electors & authentication of entries in electoral roll & to identify registration of name of the same person in more than one constituency or more than once in same constituency: CEO Maharashtra pic.twitter.com/04qrDk1wXB
— ANI (@ANI) July 25, 2022
उधर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची को आधार से जोड़ने के प्रावधान संबंधी चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला से सोमवार को हाई कोर्ट का रुख करने को कहा. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने सुरजेवाला के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं किया? पीठ ने कहा, ‘‘आप दिल्ली हाई कोर्ट का रुख क्यों नहीं करते? आपके पास समान समाधान होगा. आप चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 की धारा 4 और 5 को चुनौती दे रहे हैं. आप यहां क्यों आए हैं? आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं.’’
कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि अगले छह महीनों में तीन अलग-अलग राज्यों में चुनाव होंगे. पीठ ने कहा, ‘‘कानून में उपलब्ध उपचार के मद्देनजर हम याचिकाकर्ता को सक्षम हाई कोर्ट के समक्ष (संविधान के) अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं.’’