Maharashtra Lumpy Virus: लंपी वायरस (Lumpy Virus) का कहर अभी देश में थमता दिखाई नहीं दे रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से पशुओं में लंपी वायरस के मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र (Maharashtra) की बात करें तो महाराष्ट्र में अब तक लंपी से 1 लाख 43 हजार 89 मवेशी संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 93 लाख 166 मवेशी इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. बुधवार को पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अब तक राज्य के 32 जिलों में फैला लंपी
पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह बीमारी अब तक महाराष्ट्र के कुल 36 में से 32 जिलों के 3,030 गांव में फैल चुकी है. मालूम हो कि लंबी वायरस केवल पशुओं में फैलता है और लंबे समय तक इसके प्रभाव से मौत भी हो सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो लंपी वायरस होने पर पशुओं में बुखार, त्वचा पर गांठ, दूध न देना, दूध उत्पादन में कमी, भूख न लगना और आंखों से पानी आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
लंपी को रोकने के लिए तेजी से किया जा रहा पशुओं का टीकाकरण
सचिंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में लंपी से प्रभावित पशुओं का इलाज किया जा रहा है और अब तक लंपी के 140.97 लाख टीके विभिन्न जिलों में उपलब्ध कराये जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 135.58 लाख मवेशियों का निशुल्कर टीकाकरण किया जा चुका है. सिंह ने बताया कि जलगांव, अहमदनगर, धुले, अकोला, औरंगाबाद, बीड, कोल्हापुर, सांगली, वाशिम, जालना, नंदुरबार और मुंबई उपनगरों में टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. उन्होंने आगे बताया कि आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 97 फीसदी मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है.
नागपुर पहुंचा लंपी वायरस
इसी बीच अब तक लंपी से अछूता रहा महाराष्ट्र का नागपुर जिला भी लंपी की चपेट में आ गया है. जिले के खापरखेड़ा क्षेत्र में हाल ही में लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं के मिलने से किसानों में हड़कंप मच गया है. किसान वायरस को रोकने के लिए मवेशियों का टीकाकरण करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा लोगों ने संक्रमित मवेशियों के लिए एक अलग से रहने की व्यवस्था करे की भी मांग की है.
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