Vanchit Bahujan Aaghadi in INDIA Alliance: भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन, जिसे आमतौर पर इसके संक्षिप्त नाम I.N.D.I.A. के नाम से जाना जाता है, 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 28 दलों के नेताओं द्वारा घोषित एक विपक्षी मोर्चा है. इस गठबंधन में हालांकि 28 पार्टियां शामिल है. लेकिन कई ऐसी पार्टी है जो अभी तक 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा नहीं बनी है. इसी में से एक पार्टी है जिसका नाम वंचित बहुजन आघाडी है. इसबारे में प्रकाश आंबेडकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. आंबेडकर ने तीन सवालों के जवाब दिए हैं.


वंचित बहुजन आघाडी को इंडिया गठबंधन में क्यों नहीं किया जा रहा शामिल?
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, वंचित बहुजन आघाडी लगातार यह रुख पेश कर रही है कि नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए और चुनाव लड़ना चाहिए. इसके लिए प्रयास कर रहा हूं. कांग्रेस तय करेगी कि हमें लेना है या नहीं. हमने कांग्रेस को दो बार लिखा है. लेकिन फिर भी कोई जवाब नहीं. वंचित बहुजन आघाड़ी का सामंती रुख, वंचित बहुजन समाज को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना, लेकिन सत्ता में हिस्सेदारी न देना, I.N.D.I.A. के अंदर आने का निमंत्रण नहीं दिया गया है. वंचित बहुजन आघाडी महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी ताकत है. जिसने 2019 के चुनाव में 7 फीसदी वोटिंग हासिल कर अपना अस्तित्व साबित कर दिया है. इतनी बड़ी शक्ति की अनदेखी क्यों की जा रही है? ये सवाल अब लोग पूछ रहे हैं




क्या है वंचित बहुजन आघाड़ी का 12 सीटों का फॉर्मूला?
इसके जवाब में पार्टी ने बताया कि, वंचित बहुजन आघाडी ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है. महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टियों के बीच अहंकार की लड़ाई नहीं होनी चाहिए. सीट आवंटन पर असहमति होने पर विवाद हो सकता है. सीटों का आवंटन बिना किसी विवाद के किया जाए. लोकसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव की तैयारी जल्द से जल्द शुरू होनी चाहिए. मोदी को हराने के लिए बाला साहब अंबेडकर ने दिया है ये फॉर्मूला.


वंचित-शिवसेना सीटों का बंटवारा क्यों नहीं कर रही?
VBA ने बताया कि, शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पहले से ही गठबंधन में हैं. बाद में शिवसेना और वंचित बहुजन आघाडी ने गठबंधन कर लिया. लेकिन ये तीनों दल महाविकास आघाडी या राष्ट्रीय स्तर की I.N.D.I.A. वंचित बहुजन आघाडी शामिल नहीं है. अब चूंकि इन तीनों पार्टियों को सीटें आवंटित नहीं की गई हैं, इसलिए दो पार्टियों वंचित और शिवसेना को भी सीटें आवंटित नहीं की जा सकतीं. क्योंकि यह तय नहीं है कि शिवसेना को कितनी और कौन सी सीटें दी जाएंगी, इसलिए यह भी तय नहीं हो पा रहा है कि कौन सी सीटें शिवसेना और वंचित बहुजन आघाडी आपस में बांट लें. इसलिए, वंचित बहुजन आघाडी ने यह रुख अपनाया है कि शिवसेना के साथ बातचीत तभी हो सकती है, जब ये तीनों दल आपस में सीटें बांट लें.


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