उम्र 100 साल पार एक बार फिर तैयार, वोटिंग के बाद आइसक्रीम खाएंगी कंचनबेन, पहले चुनाव में भी डाला था वोट
Kanchanben Badshah: महारष्ट्र में कल लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. इस बीच 112 साल की मतदाता कंचनबेन घर से नहीं बल्कि मतदाता बूथ पर जाकर वोट करना चाहती हैं.
Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: 112 वर्षीय मतदाता कंचनबेन बादशाह, देश के पहले चुनाव में वोटिंग से लेकर अब एक बार फिर मतदान के लिए तैयार हैं. 1912 में जन्मी 112 साल की बुजुर्ग ने कहा खुद कि वो वोट देने खुद बूथ पर जायेंगी. वो 'घर से वोट' नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि ऐसा करके वो युवाओं को प्रोत्साहित करना चाहती हैं.
उन्होंने 1951-52 में उन्होंने पहली बार मतदान किया था. उनकी उम्र का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि उन्होंने दोनों विश्व युद्ध और भारत और पाकिस्तान का बंटवारा भी देखा हुआ है. उन्होंने हाथ जोड़कर सभी से अपील की है कि सभी मतदान करें.
कंचनबेन ने बताया कि वोट देने के बाद वो अपनी फेवरेट आइसक्रीम खाएंगी. कंचनबेन को सभी प्यार से 'बा' कहते है जिसका मतलब मां होता है. कंचनबेन नंदकिशोर बादशाह एक शतक से ज्यादा दुनिया देख चुकी हैं. इसके साथ ही देश को लेकर अपनी ड्यूटी निभाने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं.
मुंबई के मालाबार हिल स्थित निवासी 112 वर्षीय कंचनबेन 20 मई को लोकसभा चुनाव में मतदान करने के लिए बाहर निकलने के लिए तैयार हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और विकलांग व्यक्तियों के लिए ‘घर से मतदान’ की सुविधा शुरू की है लेकिन वो घर से मतदान नहीं करना चाहतीं.
मुस्कुराते हुए कंचनबेन ने गुजराती में जोश से बात करते हुए कहा कि, "मैं बाहर जाकर मतदान करना चाहती हूं." इस बीच उनके पोते पारिंद ने उनकी बात रखने में मदद की. कंचनबेन ने कहा कि युवा लोगों के पास मतदान न करने का कोई कारण नहीं है.
साल 1912 में जन्मी कंचनबेन ने तीन बच्चों का अकेले पालन पोषण किया है. भले ही कंचनबेन 112 साल की हैं लेकिन वह काफी एक्टिव हैं. उन्हें बस यही चिंता है कि उनके हाथ जो थोड़े कांपते हैं मतदान करते समय असुविधा का कारण बन सकते हैं.
कंचनबेन बादशाह कभी-कभी अपना खाना और चाय खुद बनाती हैं और खुद ही घी बनाने पर जोर देती हैं. उन्हें अखबार पढ़ना बहुत पसंद है. उन्हें कार ड्राइव करना, डोसा और आइसक्रीम खाना बहुत पसंद है. उन्होंने कहा कि "जब भी वो मतदान केंद्र जाती हैं सब उनके साथ फोटो लेते हैं जिससे उन्हें खुशी होती है."
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