(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: महाराष्ट्र में क्या धर्म परिवर्तन को लेकर नया बिल लाने की तैयारी में है शिंदे-बीजेपी सरकार?
Maharashtra News: श्रद्धा वालकर जैसे कई मामले सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने समिति का गठन किया है. ताकि दूसरे धर्म में शादी करने पर लड़कियों को सुरक्षा मुहैया कराना संभव हो सके.
Maharashtra: महाराष्ट्र के पालघर निवासी श्रद्धा वालकर की हत्या के बाद से दूसरे धर्म में शादी करने को लेकर प्रदेश सरकार इस मसले को लेकर काफी गंभीर है. माना जा रहा है कि बीजेपी समर्थित शिंदे सरकार धर्म परिवर्तन के आधार पर शादी को लेकर नया बिल लाने की तैयार में जुटी है. वर्तमान में इस बात की चर्चा इसलिए है कि महाराष्ट्र सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के कहा गया है कि जिन लड़कियों ने दूसरे धर्म में शादी की है, उनके परिवारों से संपर्क किया जाएगा. इस बात को लेकर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
13 सदस्यीय समिति गठित
इस मसले को लेकर शिंदे सरकार में महिला और बाल विकास मंत्री मगंल प्रभात लोढ़ा ने 13 सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया है. इससे पहले एक सर्कुलर जारी कर अंतरजातीय विवाह को भी इस कटेगरी में शामिल किया था, लेकिन बाद में उसे केवल दूसरे धर्म में विवाह तक सीमित कर दिया गया.
नफरत की राजनीति न करे सरकार
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद जहां विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार की नजर बीएमसी चुनाव पर है. वर्तमान सरकार केवल एक विचारधारा को फैलाने की कोशिश कर रही है.
लड़कियों की सूरक्षा के लिए उठाया गया ये कदम
वहीं, बीजेपी विधायक अतुल भटखलकर ने कहा कि श्रद्धा वालकर जैसे कई मामले सामने आने के बाद इस समिति का गठन किया गया है. श्रद्धा वालकर के मामले में उनके पिता ने आरोप लगाए थे कि उसके घर छोड़ने के बाद आफताब के घरवालों न उसे स्वीकार नहीं किया और न ही श्रद्धा को परिवारवालों से मिलने दिया जाता था. चूंकि महाराष्ट्र में इस तरह की घटनाएं सामने लगातार आ रही हैं, इसलिए ऐसी लड़कियों की सुरक्षा के लिए हमने ये कदम उठाया है. जिन लड़कियों को शादी के बाद परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा वो जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत दर्ज कर सकती हैं। गठित समिति का मकसद इस तरह के मामलों में काउंसलिंग करवाना भी है.
समिति के गठन पर उठे सवाल
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने सर्कुलर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में कितने अंतरधार्मिक विवाह हुए हैं, कितनी लड़कियां तकलीफ में हैं, कितनी शिकायतें इनके सामने आईं है. ऐसा कोई आंकड़ा सरकार के पास नहीं है. हकीकत यह है कि श्रद्धा वालकर मामले को लेकर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश हो रही है. बीजेपी गठबंधन वाली सरकार के पास विकास का मुद्दे नहीं है, इसलिए वो ऐसे मुद्दे उठा रही है.
सरकार बताए- अंतरजातीय विवाह करने पर क्यों देती है ढाई लाख रुपए
सरकारी स्तर पर विरोधाभास देखिए कि एक तरफ सरकार ऐसे विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए ढाई लाख रुपये दे रही है. दूसरी तरफ दूसरे धर्म में शादी रोकने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने तीन साल पहले ऐसे विवाह करने वालों को ढाई लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी, लेकिन इसके पीछे शर्त ये भी थी कि वर या वधू अनुसूचित जाति से होने चाहिए और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर समता प्रतिष्ठान के अंतर्गत ये सामूहिक विवाह होने चाहिए.
यह धर्म परिवर्तन को लेकर कानून है
इसके जवाब में बीजेपी विधायक अतुल भटखलकर का कहना है कि ये किसी मजहब के खिलाफ नहीं है. ऐसी शादी में अगर किसी कि मंशा में कोई खोट नहीं है तो उन्हें चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. ये सर्कुलर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किया गया है. मैंने, लव जिहाद और धर्म परिवर्तन को लेकर एक निजी बिल विधानसभा में पेश किया है.
इस पर, अभी नहीं लिया गया कोई फैसला
हाल ही में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि लव जिहाद को लेकर बिल लाने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है. ये बात अलग है कि सरकार इस मसले पर आकलन के काम में जुटी है। महाराष्ट्र सरकार यह जानने की कोशिश कर रही है कि अलग-अलग राज्यों ने इसको लेकर अभी तक क्या-कया कानून अस्तित्व में हैं.
देश के 9 राज्यों में है इसको लेकर कानून
भारत के नौ राज्यों में यह कानून अस्तित्व में है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में धर्म परिवर्तन को लेकर कानून है.
यह भी पढ़ें : Maharashtra: IPS अधिकारियों की तैनाती से संबंधित आदेश में संशोधन, सुनील फुलारी बने कोल्हापुर रेंज के IG