Deputy CM Fadnavis on Jalna Lathicharge: जालना में मराठा आरक्षण आंदोलन (Maratha Reservation Protest) के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)b ने माफी मांगी है. दरअसल, इस घटना के बाद मुंबई में सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), डिप्टी सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने बैठक की और फिर प्रेस को संबोधित कर बयान जारी किया. 


प्रेस कॉन्फ्रेंस में फडणवीस ने कहा, ''जालना की घटना दुःखद है. पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया जाना दुःखद है. बल प्रयोग का कोई समर्थन नहीं लकर सकता है. मैं पहले जब 5 वर्ष तक मुख्यमंत्री था. तब हजारों आंदोलन हुए लेकिन कभी बल प्रयोग नहीं किया गया. लाठीचार्ज के लिए मैं माफ़ी मांगता हूं. मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. घटना को लेकर राजनीति करना गलत है.''


मंत्रालय से नहीं गए थे आदेश- फडणवीस
डिप्टी सीएम फडणवीस ने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर कहा, '' कुछ लोगों ने कहा कि मंत्रालय से आदेश दिया गया. गलत नैरेटिव बनाया गया. लाठीचार्ज के  आदेश एसपी और डीएसपी ही देते हैं. किसी और की आवश्यकता नहीं होती है. ये नैराटिव बनाया जा रहा है कि सरकार ने यह आदेश दिया. यह राजनीति की जा रही है. यह ध्यान देना चाहिए की आरक्षण का कानून हमने 2018 में तैयार किया था. और सुप्रीम कोर्ट ने इस अपहोल्ड किया था. देश में तमिलनाडु के बाद यह दूसरा फैसला था जिसे अपहोल्ड  किया गया था. 9 सितंबर 2021 को फैसले को स्थगित किया गया.''


अजित पवार ने कहा- आरक्षण पर सरकार सकारात्मक
उधर, डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी इस मसले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ''मैं दो दिनों तक अस्वस्थ था. इसीलिए घर से बाहर नहीं निकला. लेकिन मीडिया में  अलग-अलग तरह की खबरे चलाई गई. सरकार  मराठा आरक्षण को लेकर सकारात्मक है.'' 


जानिया, क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र के जालना जिले में मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मंगलवार से अनशन शुरू किया था. उनकी तबीयत बिगड़ने पर अधिकारियों ने शुक्रवार को उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की. जिस दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया और पथराव किए गए. भीड़ हटाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. हिंसा की घटना  40 पुलिस कर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 15  बसों में आग लगा दी. इस हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 360 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. 


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