Maharashtra NCP Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अगस्त में पुणे में एक उद्योगपति के आवास पर बंद कमरे में बैठक की थी, जिसमें पार्टी में औपचारिक विभाजन रोकने की संभावना पर चर्चा की गई थी. यह बात राकांपा के एक वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल ने बुधवार को कही. यह बैठक अजित पवार के महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद हुई थी.
जयंत पाटिल ने किया ये बड़ा दावा
राकांपा (शरद पवार गुट) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि अजित पवार के सत्तारूढ़ खेमे में जाने के बाद राकांपा में विभाजन को टालना 'गुप्त' बैठक का एकमात्र एजेंडा था. बैठक में राज्य के पूर्व मंत्री पाटिल भी मौजूद थे. पाटिल ने यहां एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा, “एक उद्योगपति के आवास पर बैठक केवल पार्टी में संभावित विभाजन रोकने के लिए थी. यही एकमात्र मुद्दा था जिस पर मेरे सामने चर्चा हुई थी.”
पाटिल ने कहा, ''हम सभी पिछले 25 साल से पार्टी में हैं. मेरी कोशिश पार्टी में विभाजन रोकने की थी. पार्टी हम सभी की है. इसीलिए मैं दोनों पक्षों ( राकांपा गुटों) के संपर्क में था, जिससे मेरे पाला बदलने की अटकलें तेज हो गईं.'' राज्य के पूर्व मंत्री पाटिल ने कहा कि एक राजनीतिक दल नेताओं और आम नागरिकों के बीच एक सेतु का काम करता है. उन्होंने कहा, ‘‘जब आप एक पार्टी बनाते हैं, तो आप अधिक से अधिक लोगों से जुड़ते हैं. शरद पवार के मार्गदर्शन में, राकांपा सक्षम लोगों की पार्टी बन गई है.’’ अजित पवार के पाला बदलने के बाद भी राकांपा (शरद पवार गुट) यह कहती रही है कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं हुआ है.