Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद शरद पवार गुट और अजित पवार खेमे के नेताओं को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अजित पवार की एनसीपी ने एक बैठक बुलाई थी. इस मीटिंग में धर्मराव बाबा आत्राम शामिल नहीं हुए थे.


मुंबई तक के अनुसार आत्राम ने खुद कहा है कि वे "अजित पवार के साथ रहेंगे और शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल अजित पवार का नेतृत्व स्वीकार कर इस गुट में शामिल होंगे."


हालांकि, महाराष्ट्र की सियासी हलचल के बीच शरद पवार के करीबी जयंत पाटिल ने एक दिन पहले ये दावा किया था कि अजित पवार गुट के कई विधायक एनसीपी शरद पवार गुट के संपर्क में हैं. जयंत पाटिल ने कहा कि "बहुत सारे लोग जो पार्टी छोड़कर गए थे वो उनसे संपर्क में हैं. 9 जून के बाद पार्टी की बैठक में बड़ा फैसला लिया जाएगा." कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में अजित पवार के एनसीपी गुट के करीब 10-15 विधायक शरद पवार खेमे के संपर्क में हैं.


हालांकि शरद पवार गुट के इस दावे को अजित पवार खेमे ने नकार दिया है. एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने दावा किया कि उनकी पार्टी का कोई भी विधायक शरद पवार के पक्ष में जाने की योजना नहीं बना रहा है. 


तटकरे ने कहा, "आज हमने सभी विधायकों को लोकसभा चुनाव और अधिक सीटें जीतने के कारणों पर चर्चा करने के लिए बुलाया है. हमारी तरफ से कोई भी विधायक कहीं नहीं जा रहा है. इसके बजाय शरद पवार गुट के कुछ विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं."


यह बयान ऐसे समय में आया है जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में शरद पवार के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद सत्तारूढ़ अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के विधायक शरद पवार के गुट की ओर जा सकते हैं.


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