Jitendra Awhad on Manusmriti: महाराष्ट्र के महाड में शरद पवार की पार्टी एनसीपी (SP) से विधायक जितेंद्र आव्हाड ने स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति का श्लोक शामिल करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन इसी दौरान उन्होंने अपने ही हाथों से बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर भी फाड़ दी, जिससे महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है. अब जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ राज्यभर में प्रदर्शन तेज हो गया है. कुछ घंटो बाद गलती पता चलने पर विधायक जितेंद्र आव्हाड ने इस गलती के लिये महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी.
दरअसल राज्य सरकार ने छात्रों को भारतीय मूल्यों से परिचित कराने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता के एक हिस्से को शामिल करने का निर्णय लिया है. साथ ही मनुस्मृति के श्लोकों का भी शामिल करने का फैसला लिया गया है. सरकार के इस फैसले का अब कई स्तरों से विरोध हो रहा है.
एनसीपी नेता (शरद पवार) जितेंद्र आव्हाड ने भी इस फैसले का कड़ा विरोध किया. वो आज (29 मई) वे सीधे रायगढ़ के महाड में चवदार ताला पहुंचे और सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए मनुस्मृति की प्रतियां जलाई. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने सरकार से यह फैसला वापस लेने की भी मांग की.
जितेंद्र आव्हाड आज (29 मई) चवदार तला गए और बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मनुस्मृति को जलाया. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही 'जय भीम, डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर की जय' जैसे नारे भी दिए गए. इस मौके पर आव्हाड के साथ मिलिंद टिपनिस और अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे.
जितेंद्र आव्हाड को पुलिस का नोटिस
जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति जलाकर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की, तो विरोध-प्रदर्शन को रोकने के लिए महाड पुलिस ने नोटिस जारी किया. यह नोटिस इसलिए जारी किया गया है ताकि कानून व्यवस्था बरकरार रहे और आचार संहिता का उल्लंघन न हो. लेकिन आव्हाड ने इस नोटिस की अवहेलना की और महाड की झील पर मनुस्मृति की प्रति को जला दिया.
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