Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने सोमवार को कहा कि राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) और लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे के पास संगठन में नियुक्ति करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्हें पार्टी से ‘निष्कासित’ कर दिया गया है. इससे पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा था कि पटेल और तटकरे का नाम ‘पार्टी सदस्यता पंजी से हटाया दिया गया है.'
आव्हाड ने जोर देकर कहा कि शरद पवार एमसीपी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, 'निर्वाचन आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त एनसीपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष को अगर लगता है कि तत्काल कार्रवाई नहीं करने पर पार्टी को गंभीर नुकसान हो सकता है, तो उनके पास किसी भी सदस्य को निलंबित करने या बर्खास्त करने या उसे सदस्य के तौर पर हटाने का अधिकार है.’ आव्हाड ने कहा, 'ऐसी किसी कार्रवाई को मंजूरी के लिए केंद्रीय अनुशासन समिति को भेजा जाएगा.’
शरद पवार के फैसले को कैसे दे सकते हैं चुनौती- जितेंद्र
पटेल और तटकरे के साथ अजित पवार ने दावा किया था कि शरद पवार अकेले किसी की सदस्यता के बारे में फैसला नहीं ले सकते हैं. इसके बाद सोमवार शाम को आव्हाड का यह बयान आया. आव्हाड ने कहा, ‘अगर ये नेता (अजित पवार गुट) अब भी शरद पवार को अपना (पार्टी का) राष्ट्रीय अध्यक्ष मानते हैं, तो फिर वे कैसे उनके फैसले को चुनौती दे सकते हैं? अगर आपको निष्कासित कर दिया गया है, तो आपके पास कोई नई नियुक्ति करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है.’
प्रफुल्ल पटेल को नहीं कानूनी अधिकार- जितेंद्र आव्हाड
ठाणे के मुमरा-कलावा से विधायक आव्हाड ने शरद पवार के उस पत्र को दिखाया, जिसमें उन्होंने पटेल और तटकरे के खिलाफ कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘इन नेताओं के पास ऐसे फैसले लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. इन नेताओं को पहले ही शरद पवार के फैसले से अवगत कराया जा चुका है.’’ पवार द्वारा एनसीपी से निकाले जाने की घोषणा करने के तुरंत बाद पटेल ने सोमवार शाम को घोषणा की कि जयंत पाटिल को हटाकर लोकसभा सदस्य सुनील तटकरे को पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नामित किया गया है और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार विधायक दल के नेता होंगे.
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