Pune News: पुणे में पत्रकार निखिल वागले की कार पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया, जब वह एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहे थे. बीजेपी कार्यकर्ता पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद उनके (आडवाणी) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए वागले का विरोध कर रहे थे.


डेक्कन थाने के एक अधिकारी ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उस कार पर स्याही फेंकी, जिसमें वागले और दो अन्य- असीम सरोदे और विश्वंभर चौधरी, यहां सिंघड़ रोड इलाके में राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित ‘निर्भय बनो’ कार्यक्रम के लिए पुलिस सुरक्षा के तहत यात्रा कर रहे थे. टेलीविजन दृश्यों में बीजेपी कार्यकर्ता खंडोजी बाबा चौक पर कार को घेरते और तोड़फोड़ करते हुए दिखे.


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अधिकारी ने बताया कि वागले पुलिस सुरक्षा के तहत कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने में कामयाब रहे. ‘निर्भय बनो’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वागले ने कहा, ‘‘मैं उन सभी को माफ करता हूं, जिन्होंने मुझ पर हमला किया. मुझ पर पहले छह बार हमला हो चुका है और यह सातवां था.’’




इससे पहले, प्रधानमंत्री और आडवाणी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले के खिलाफ पुणे में मामला दर्ज किया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘निखिल वागले पर विश्रामबाग थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 500 (मानहानि) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है. हम मामले की आगे की जांच कर रहे हैं.’’


बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुनील देवधर ने विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर मंगलवार को 64 वर्षीय पत्रकार के खिलाफ विश्रामबाग थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. वरिष्ठ पत्रकार ने केंद्र द्वारा आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पूर्व उप प्रधानमंत्री (आडवाणी) और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी.


बीजेपी की पुणे इकाई ने भी ‘निर्भय बनो’ कार्यक्रम को अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था. शिवसेना की पुणे इकाई के अध्यक्ष प्रमोद भांगिरे ने कहा कि वे आयोजन का विरोध नहीं कर रहे थे, बल्कि केवल वागले की भागीदारी का विरोध कर रहे थे.