महाराष्ट्र की कसबा सीट पर आठवें राउंड में रवींद्र धंगेकर 3325 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. मतगणना के पहले राउंड से ही धंगेकर ने अपनी बढ़त बनाए रखी है. चौथे राउंड में हेमंत रसाने आगे निकल गए थे लेकिन वे पांचवें राउंड में पिछड़ गए. बता दें कि महाराष्ट्र में कस्बा पेठ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने रवींद्र धंगेकर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. दिसंबर में मौजूदा बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक के निधन के कारण यह सीट खाली हो हुई थी. कसबा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. इस सीट के लिए 20 राउंड की गिनती होगी.


कौन है रवींद्र धंगेकर ?


रवींद्र धंगेकर बीजेपी के हेमंत रसाने के खिलाफ कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना के गठबंधन महा विकास अघडी (एमवीए) के उम्मीदवार हैं. लंबे समय से बीजेपी का गढ़ रही कसबा सीट पर रवींद्र धंगेकर को एक मजबूत उम्मीदवार के रूप में देखा गया. वह 2009 के विधानसभा चुनाव में कस्बा से तत्कालीन निर्वाचित बीजेपी उम्मीदवार गिरीश बापट के खिलाफ एक छोटे से अंतर से हार गए थे. धंगेकर तब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ थे. 


राज ठाकरे के विश्वासपात्र रहे हैं धंगेकर


रवींद्र धंगेकर पांच बार के नगरसेवक हैं और उन्होंने पुणे नगर निगम (पीएमसी) में दो बार शिवसेना और मनसे का प्रतिनिधित्व किया है. वह 2017 में कांग्रेस में चले गए और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे. MNS में रहते हुए, धंगेकर MNS प्रमुख राज ठाकरे के विश्वासपात्र थे और उन्हें PMC में पार्टी का नेता भी बनाया गया था.


वहीं इस कसबा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मतदान के दिन बीजेपी प्रत्याशी हेमंत रासाने गले में मफलर पहनकर मतदान केंद्र पर गए थे, जिस पर बीजेप का चिन्ह लगा हुआ था. उन्होंने मफलर पहनकर मतदान किया. एनसीपी की रूपाली थोंब्रे पाटिल ने चुनाव पर्यवेक्षक से शिकायत की थी. आचार संहिता के अनुसार, मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी व्यक्ति को किसी भी पार्टी के चिन्ह का उपयोग नहीं करना चाहिए. चूंकि रासाने ने इस नियम का उल्लंघन किया है, इसलिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. वहीं प्रचार समाप्त होने के बाद एमवीए उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने आरोप लगाया था कि बीजेपी मतदाताओं को पैसे बांट रही थी.