Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में कसबा पेठ (Kasba Peth) और चिंचवाड़ (Chinchwad) विधानसभा सीट पर इस महीने 26 फरवरी को उपचुनाव होने वाले हैं. दोनों विधानसभा की सीटें बीजेपी के विधायकों की असामयिक मौत के बाद खाली हुई हैं. ऐसे में माना यह जा रहा है कि इन सीटों पर बीजेपी की दावेदारी मजबूत है, लेकिन विपक्षी दलों गठबंधन महा विकास आघाड़ी (MVA) के कार्यकर्ताओं के हौसले भी बुलंद है क्योंकि इसी महीने विधान परिषद की पांच सीटों के आए चुनाव परिणाम से बीजेपी बैकफुट पर है.


इसी माह आए हैं विधान परिषद की 5 सीटों के परिणाम 


शिव सेना उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले इस गठबंधन एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल है. इनके कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद होने के पीछे ठोस कारण इस माह विधान परिषद चुनाव में अमरावती और नागपुर दोनों जगहों पर बीजेपी की हार है. नागपुर में महा विकास आघाड़ी (एमवीए)  समर्थित उम्मीदवार सुधाकर अडबले ने बीजेपी समर्थित प्रतिद्वंद्वी नागोराव गनार को हराया. नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से गनार ही एमएलसी थे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का नागपुर गृह जिला है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय है. 


अमरावती सीट भी बीजेपी हारी है


अमरावती की सीट भी बीजेपी के पास थी. बीजेपी के रंजीत पाटिल को एमवीए के धीरज लिंगाडे ने हरा दिया. औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के उम्मीदवार विक्रम काले की जीत हुई है. नासिक में हालांकि कांग्रेस नेता के बेटे के निर्दलीय के रूप में जीत से कांग्रेस की फजीहत हुई लेकिन पांच विधान परिषद की सीटों में से केवल बीजेपी के ज्ञानेश्वर म्हात्रे को कोंकण मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत सके.


दोनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी का रहा है कब्जा


अभी जो विधानसभा के उपचुनाव में हो रहे हैं उसमें कसबापेठ है जहां पिछले साल 2022 में बीजेपी के विधायक मुक्ता तिलक की मौत हो गई थी. इसी वजह से यह उपचुनाव कराया जा रहा है. पुणे जिले की इस सीट पर वर्ष 2004 से ही बीजेपी का कब्जा है. वर्ष 2004 से 2019 तक तीन बार यहां से बीजेपी से गिरीश बापत विधायक रहे. 2019 में पुणे की मेयर रह चुकीं मुक्ता शैलेश तिलक यहां से बीजेपी की विधायक चुनी गई थीं. उनके निधन से ये सीट खाली हुई है. इस नाते माना यह जा रहा है कि बीजेपी उम्मीदवार हेमंत रसाने को सहानुभूति के वोट मिलेंगे और वह जीतेंगे. एमवीए ने यहां से रविंद्र धंगेकर को उम्मीदवार बनाया है. वैसे कहने को तो अभी चुनाव मैदान में 28 उम्मीदवार हैं और 10 फरवरी तक नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि है. लेकिन मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच होगा. 


दिवंगत विधायक की पत्नी को बीजेपी ने उतारा


पुणे जिले का ही चिंचवाड़ विधानसभा सीट भी परंपरागत रूप से बीजेपी की रही है यहां सिर्फ एक बार बार 2009 में बीजेपी हारी है नहीं तो 2004 से बीजेपी की ही रही है. यहां से बीजेपी के लक्ष्मण जगताप विधायक थे. उनकी मौत के बाद ये खाली हुई है और इस सीट से बीजेपी ने उनकी पत्नी अश्विनी जगताप को मौका दिया है. मुकाबले में माना यह जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और एमवीए के लिए यह चुनाव जीतना जनता का रुख भांपने के लिए बहुत जरूरी होगा. 2 मार्च को चुनाव परिणाम आने हैं. 


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