Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में CM केसीआर और ओवैसी ने उड़ाई MVA की नींद, AIMIM और BRS से किसे होगा ज्यादा नुकसान?
KCR in Maharashtra: महाराष्ट्र में चुनाव से पहले तेलंगाना के सीएम केसीआर और ओवैसी की एंट्री ने MVA की टेंशन बढ़ा दी है. अब MVA के नेताओं ने भी उन्हें घेरने की तैयारी शुरू कर दी है.
Asaduddin Owaisi and CM KCR in Maharashtra: महाराष्ट्र की राजीनीति में पड़ोसी राज्य तेलांगना के दो नेताओं की बढ़ती हलचल महाविकास अघाड़ी के नेताओं को बिलकुल रास नहीं आ रही है. इनमें से एक है AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ऐ-इत्तेहादुल मुसलमीन) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और बीआरएस (BRS) के अध्यक्ष और तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव.
केसीआर और ओवैसी की एंट्री से उड़ी MVA की नींद
महाराष्ट्र में चुनाव से पहले केसीआर ने राज्य में एंट्री कर ली है और तैयारियों में जुट गए हैं. केसीआर के नाम से जाने वाले चंद्रशेखर राव की गतिविधियां तो महाराष्ट्र में इसी साल बढ़ी है लेकिन ओवैसी कई सालों से महाराष्ट्र में आते जाते रहे हैं. उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ मिलकर लड़ा था. साथ ही वे औरंगाबाद की सीट जीतने में सफल रहे थे. इस चुनाव में बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर के पुत्र प्रकाश अंबेडकर और ओवैसी ने साथ मिलकर कांग्रेस और एनसीपी को काफी नुकसान पहुंचाया था. महाराष्ट्र की 48 सीटों में 39 सीटों पर ये गठबंधन तीसरे स्थान पर रहा था.
प्रकाश अंबेडकर ने कितनी सीटें जीती थी?
बता दें, अंबेडकर की पार्टी ने खुद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी. ये अकोला और सोलापुर से लड़े थे और दोनों सीट हार गए थे. प्रकाश आंबेडकर ने इसी खीझ में 6 महीने बाद में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM से भी रिश्ता तोड़ लिया था लेकिन अंबेडकर के साथ के बिना AIMIM ने 2019 के महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रही और अंबेडकर अकेले लड़के एक भी सीट नहीं जीत सके.
ओवैसी कर रहे तैयारी
ओवैसी इस बार पहले से भी ज्यादा मेहनत कर रहे हैं. पिछले तीन दिन से वे महारष्ट्र के उन जिलों में सभाएं और बैठक कर रहे है जिनमें उन्हें आसानी से जड़ें जमने की उम्मीद है. वहीं दूसरे नेता केसीआर भी फरवरी के बाद अब तक महारष्ट्र में पांच बार आ चुके हैं. मराठवाडा से लेकर विदर्भ तक कई स्थानों पर उनके राज्य तेलांगना की सीमा महाराष्ट्र से मिलती है. ये दोनों क्षेत्र किसानों की आत्महत्या करने की वजह से चर्चा में रहता है. इसलिए केसीआर महाराष्ट्र में इसी समस्या को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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