Maharashtra Kolhapur Anti-encroachment News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में विशालगढ़ किले से अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों का आंदोलन रविवार (14 जुलाई) को हिंसक हो गया. दो समुदायों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई. लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगाने की कोशिश की. फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में है. पुलिस ने इस हिंसा मामले में 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. साथ ही 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
कोल्हापुर के जिला कलेक्टर ने कहा कि रविवार को हिंसा तब भड़की, जब मराठा शाही और पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के बाहर रोक दिया गया.
70 अतिक्रमणों को ढहा दिया गया
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कलेक्टर अमोल येडगे ने बताया कि जिला प्रशासन ने विशालगढ़ किले में मौजूद 70 अतिक्रमणों को ढहा दिया. राजस्व और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मौजूदगी में सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे के बीच अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था और अभियान मंगलवार को भी जारी रहेगा.
रविवार को मार्च का नेतृत्व करने वाले छत्रपति संभाजीराजे ने मांग की थी कि अवैध कब्जाधारियों की जाति और धर्म की परवाह किए बिना सभी अतिक्रमण हटा दिए जाएं. विशालगढ़ किला महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 76 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह वही किला है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज बीजापुर की आदिलशाही सेना के जाल से बचकर पहुंचे थे. विशालगढ़ किले में हजरत सैयद मलिक रेहान मीर साहब की दरगाह भी है, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है.
हिंदू समुदाय के लोग किले से अवैध अतिक्रमण हटाने और किले की मूल विरासत को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यहां अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. दरगाह के पास अतिक्रमण कर अवैध मीट का कारोबार चलाया जाता है. वहीं बॉम्बे कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे समय-समय पर कुछ दिनों के लिए हटा दिया जाता है.
विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस बीच विपक्ष को शिवसेना के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला. राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि मराठा सम्राट संभाजीराजे छत्रपति पर भी किले की ओर मार्च का नेतृत्व करने के लिए मामला दर्ज किया गया था. मैंने दो बार विशालगढ़ किले का दौरा किया था और अतिक्रमण देखा था.
संभाजीराजे ने राज्य सरकार से केवल अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने पूर्व राज्यसभा सदस्य और कोल्हापुर राजघराने के उत्तराधिकारी संभाजीराजे छत्रपति की किले तक मार्च का नेतृत्व करने के लिए आलोचना की.
उन्होंने कहा कि आप दिल्ली जा सकते थे, क्योंकि मुसलमानों ने आपको वोट दिया था. हम आपका सम्मान करते थे, लेकिन चूंकि आपने विशालगढ़ किले में हिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, इसलिए हमें आश्चर्य है कि क्या आप वास्तव में शाहू महाराज के वंशज हैं. जलील ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण विरोधी अभियान को लागू करते समय कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
इसके साथ ही लोगों के घरों में तोड़फोड़ की गई और उपद्रवियों द्वारा वाहनों को जला दिया गया. क्या महाराष्ट्र में जंगल राज कायम है? वहीं अब विशालगढ़ किला अतिक्रमण मामले में मॉमेडियन एजुकेशन सोसाइटी के तरफ से जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया है. पत्र में लिखा गया है कि जिले में सांप्रदायिक तनाव छत्रपति संभाजी राजे के वजह से उत्पन्न हुआ. इसलिए जिला कलेक्टर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करें.