अस्पताल ने मृत घोषित किया, अंतिम संस्कार की तैयारी, तभी गड्ढे से टकराई एंबुलेंस और जिंदा हो गया शख्स
Kolhapur News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मृत घोषित पांडुरंग तात्या अचानक जीवित हो गए. घर लाते समय उनकी एंबुलेंस गड्ढे से टकराई और मृत बुजुर्ग के शरीर में हरकत होने लगी.
Kolhapur Potholes News: महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे आप नए साल का चमत्कार या 'न्यू ईयर मिरेकल' भी कह सकते हैं. सड़क पर गड्ढे जो लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा माने जाते हैं, उन्हीं गड्ढों ने एक व्यक्ति की जान वापस कर दी! दरअसल, कोल्हापुर में एक बुजुर्ग व्यक्ति पांडुरंग तात्या की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. अस्पताल में डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
घर में शोक का माहौल पसर गया. घर वालों ने अंतिम संस्कार की तैयारी की और बुजुर्ग के शव को एंबुलेंस के जरिए घर लाया जाने लगा. बीच रास्ते एंबुलेंस गड्ढे से टकरा गई और अचानक बुजुर्ग पांडुरंग सांसें लेने लगे.
शरीर में हरकत देखते ही वापस अस्पताल ले गए परिजन
एबीपी माझा की रिपोर्ट के अनुसार, यह फिल्मी घटना कोल्हापुर के कस्बा बावड़ा में हुई. यहां के पांडुरंग तात्या 15 दिन पहले हरिनाम का जाप कर रहे थे, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें घर वाले तुरंत अस्पताल लेकर भागे, जहां उनका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान पांडुरंग की मौत हो गई. डॉक्टर्स ने इस बात की पुष्टि की कि बुजुर्ग पांडुरंग अब नहीं रहे. यह खबर मिलते ही उनके घर पर सभी रिश्तेदार इकट्ठा होने लगे.
रिश्तेदारों में शोक का माहौल पसर गया. रोते-बिलखते लोग एक दूसरे को ढांढस बंधाने लगे, लेकिन कुछ समय बाद पता चला कि पांडुरंग जिंदा हैं. एंबुलेंस के गड्ढे से टकराने के बाद बुजुर्ग के शरीर में अचानक से हरकत होने लगी. इसके बाद परिजन उन्हें तुरंत वापस ले गए. अस्पताल में जिस बुजुर्ग को मृत घोषित किया गया था, वह अस्पताल में चलते हुए पहुंचे. परिजनों का कहना है कि यह सब भगवान पांडुरंगा की कृपा से हुआ है.
पांडुरंग की पत्नी ने अस्पताल में करवाया था भर्ती
गौरतलब है कि पूजा-पाठ करते समय पांडुरंग तात्या को दिल का दौरा पड़ा था. जब उनकी पत्नी कमरे में पहुंचीं तो देखा कि पांडुरंग पसीने से लथपथ जमीन पर गिर गए हैं. इसके बाद पत्नी ने आवाज लगाते हुए पड़ोसियों को बुलाया और उनकी मदद से बुजुर्ग को अस्पातल ले गईं. देर रात तक डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन बुजुर्ग की मौत हो गई थी.
कुछ ही समय में यह खबर कस्बा बावड़ा में पहुंच गई और आस-पड़ोस के लोग, रिश्तेदार और ग्रामीण पांडुरंग के घर पर इकट्ठा होने लगे. अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हुईं. मालूम हुआ कि कुछ ही देर में पांडुरंग का शव एंबुलेंस के जरिए घर तक आएगा. हालांकि, इस बीच खबर मिली कि एंबुलेंस का एक्सीडेंट हुआ और मृत पांडुरंग जिंदा हो गए.
परिजनों ने फिर से एंबुलेंस को कदमवाड़ी अस्पताल की तरफ मोड़ा. वहां पांडुरंग का दोबारा इलाज किया गया. बुजुर्ग की बॉडी इलाज पर रिस्पॉन्ड करने लगी और वह पूरी तरह से होश में आ गए और अपने पैरों पर खड़े हो घे. कुछ समय बाद उन्हें सही सलामत हालत में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
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