Maharashtra Kolhapur Violence: महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित विशालगढ़ किले में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है जिसने कि हिंसक रूप धारण कर लिया था. 14 जुलाई को शिवाजी के वंशज और राज्यसभा के पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे (Chhatrapati Sambhajiraje) के आह्वान पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक अतिक्रमण हटाने के लिए किले के पास जुट गए. बताया जा रहा है कि इस दौरान वहां रह रहे मुस्लिम निवासियों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा.


इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना गाजापुर गांव में हुई जो कि किले से दो किलोमीटर दूर स्थित है, जिनका कहना है कि किले पर उन्होंने कोई अतिक्रमण नहीं किया है. घटना के बाद संभाजीराजे खुद घटनास्थल पर पहुंचे और कहा कि वह तब तक वहां से नहीं हटेंगे जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता. उनका कहना है कि यहां 154 अतिक्रमण हुए हैं, जिनमें से कुछ मामले ही कोर्ट में चल रहे हैं. 


कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद हैं संभाजीराजे के पिता
संभाजीराजे की इसको लेकर सीएम एकनाथ शिंदे से भी फोन पर बात हुई जिन्होंने भरोसा दिलाया कि कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद सीएम शिंदे खुद कोल्हापुर पहुंचे और उन्होंने मौके का मुआयना किया. इस मामले में जहां बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत एक्शन लिया वहीं अब महाविकास अघाड़ी के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि संभाजीराजे के पिता छत्रपति शाहू महाराज कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद हैं.


हालांकि, शाहू महाराज ने हिंसा की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है तो साथ ही इसके लिए प्रशासन और पुलिस को दोषी ठहराया है.  उन्होंने कहा कि अगर अतिक्रमण को हटाने का निर्देश पर पहले ही काम किया जाता तो हिंसा नहीं होती. 


कई वर्षों से उठाया जा रहा अतिक्रमण का मुद्दा
विशालगढ़ किले पर अतिक्रमण का मुद्दा कई वर्षों से चल रहा है. यहां दुकानें, होटल और आवास बन गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा विवाद मलिक रेहान दरगाह है जो कि किले से एक किलोमीटर की दूरी पर है. यहां पर कभी पशुओं की बलि दी जाती थी लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस पर रोक लगा दी गई है.  बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने अतिक्रण को हटाने के लिए 1.17 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.


संभाजीराजे ने यह घोषणा की थी कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने में नाकाम रहा है इसलिए वह अपने समर्थकों के साथ मिलकर इसे हटाएंगे. इसकी घोषणा के पांच दिन के बाद उनके समर्थक किले के पास जमा हो गए. 


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