(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: विद्युतीकरण पूरा होने के बाद पहले मानसून के लिए तैयार Konkan Railway, विशेष तकनीकी से किया गया है लैस
Konkan Railway: पूरी तरह से विद्युतीकरण होने के बाद कोंकण रेलवे पहले मानसून के लिए तैयार है. रेलवे ने ट्रेनों के बिना किसी बाधा के संचालन को ध्यान में रखकर खास प्लान भी तैयार कर लिया है.
Konkan Railway News: कोंकण रेलवे पूरी तरह से विद्युतीकरण होने के बाद वह पहले मानसून के लिए तैयार है. इसमें 840 सुरक्षाकर्मी रेलवे के यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए पेट्रोलिंग करेंगे. कोंकण रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रेनें 40 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी और 846 कर्मी चौबीसों घंटे चिन्हित संवेदनशील स्थानों के साथ मार्ग पर गश्त करेंगे. किसी भी आपात स्थिति के मामले में त्वरित आवाजाही के लिए नामित बिंदुओं पर विशेष रूप से ट्रेनों को भी तैयार रखा गया है. आपातकालीन संपर्क के लिए अत्यधिक खराब मौसम की स्थिति में दुर्घटना राहत चिकित्सा वैन में सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं.
बारिश में दृश्यता कम होने पर 40 की स्पीड से ट्रेन चलाने के निर्देश
अधिकारी ने कहा कि कोंकण क्षेत्र को मानसून के दौरान भारी वर्षा प्राप्त करने के लिए जाना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में रेलवे लाइन के साथ बड़े पैमाने पर किए गए भू-सुरक्षा कार्यों ने बोल्डर गिरने और मिट्टी के खिसकने की घटनाओं को काफी कम कर दिया है. कोंकण रेलवे के सभी मुख्य सिग्नल पहलुओं को अब सिग्नल की दृश्यता में सुधार के लिए एलईडी से बदल दिया गया है. लोको पायलटों को भारी बारिश की स्थिति में दृश्यता सीमित होने पर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. लोको पायलट और ट्रेनों के गार्ड दोनों को वॉकी-टॉकी सेट प्रदान किए गए हैं और सभी स्टेशन 25-वाट वीएचएफ (बहुत उच्च आवृत्ति) बेस स्टेशन से लैस हैं.
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2015 में शुरू हुआ था विद्युतीकरण
इसके अलावा, मार्ग के साथ औसतन 1 किमी की दूरी पर आपातकालीन संचार सॉकेट प्रदान किए गए हैं जो गश्ती दल, चौकीदार, लोको पायलट, गार्ड और अन्य फील्ड रखरखाव कर्मचारियों को आपात स्थिति के दौरान स्टेशन मास्टर और नियंत्रण कार्यालय से संपर्क करने में सक्षम बनाता है. मिड-डे की रिपोर्ट के अनुसार, पुलों के लिए अतिरिक्त बाढ़ चेतावनी प्रणाली के साथ नौ स्टेशनों पर सेल्फ-रिकॉर्डिंग रेन गेज लगाए गए हैं और लम्बे वायडक्ट्स के लिए एनीमोमीटर (एक उपकरण जो हवा की गति और दिशा को मापता है). नवंबर 2015 में जहां कोंकण रेलवे विद्युतीकरण की आधारशिला रखी गई थी, वहीं इस परियोजना को 2016 में रेल मंत्रालय द्वारा कुल 1,287 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी गई थी.
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