Maharashtra Ladaki Bahin Yojana: महाराष्ट्र सरकार ने 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' के फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों के आधार पर कार्रवाई करने का फैसला किया है. साथ ही उनके वेरिफिकेशन के लिए आयकर विभाग और परिवहन विभाग से जानकारी मांगी है. महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने गुरुवार को यह घोषणा की. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार केवल फर्जी लाभार्थियों के बारे में शिकायतों का समाधान करेगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पिछले साल अगस्त में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार की ओर शुरू की गई लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता है. महाराष्ट्र सरकार लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों की जांच करने के लिए कोई अभियान नहीं चला रही है. हमने किसी भी सरकारी नीति में बदलाव नहीं किया है. हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संकेत दिया कि योजना के लाभार्थियों की जांच की जाएगी.
महिला और बाल विकास मंत्री ने क्या कहा?
अदिति तटकरे ने कहा कि हम केवल स्थानीय सरकारी कार्यालयों में दर्ज शिकायतों को ही एड्रेस कर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने कहा था कि योजना के लाभार्थियों के संबंध में कोई जांच नहीं की जाएगी. हमने आयकर विभाग और राज्य परिवहन विभाग से डाटा मांगा है, क्योंकि कुछ शिकायतों में उन लाभार्थियों को शामिल किया गया है, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये की निर्धारित सीमा से अधिक है या जो चार पहिया वाहन के मालिक हैं.
उन्होंने कहा कि एक बार हमें यह डाटा मिल जाने के बाद हम उन शिकायतों को एड्रेस कर पाएंगे. यह पूछे जाने पर कि जांच के बाद 2.5 करोड़ लाभार्थियों में से कितने को योजना से हटाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बारे में कोई डाटा नहीं है कि कितने लाभार्थियों को योजना से बाहर रखा जाएगा. हमें इसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कुछ समय चाहिए.
'झूठे दस्तावेज देकर लोग ले रहे हैं लाभ'
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे कुछ महिलाएं शादी करने के बाद कर्नाटक चली गई हैं. ऐसे में स्थानीय अधिकारियों को लाभार्थियों की ओर से लाभ का दावा करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करने की रिपोर्ट मिली थी. उन्होंने कहा कि कुछ लाभार्थियों ने राज्य सरकार को जानकारी दी है कि वे सरकारी नौकरी हासिल करने के बाद इस योजना से अपना नाम वापस लेना चाहते हैं.
अन्य योजनाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के बारे में उन्होंने कहा कि यदि कोई लाभार्थी किसी अन्य सरकारी योजना से सहायता मिल रही है, तो हम केवल अंतर मिलान निधि प्रदान करेंगे.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे यदि किसी महिला को एक योजना के तहत 1,000 रुपये मिलते हैं और फिर वह लाडकी बहिन योजना में नामांकित होती है, तो उसे पूरे 1,500 रुपये के बजाय राज्य सरकार से 500 रुपये मिलेंगे. पालघर, यवतमाल, वर्धा और सतारा के फलटन जैसे जिलों से शिकायतें सामने आई हैं, जिससे मंत्रालय ने क्रॉस-सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के बारे सोचा है.