Maharashtra: उद्धव गुट की नेता का बड़ा आरोप, ललित पाटिल मामले में गुमराह कर रहे फडणवीस, नीलम गोरे पर भी साधा निशाना
Sushma Andhare on Devendra Fadnavis: उद्धव गुट की शिवसेना नेता सुषमा अंधारे ने महाराष्ट के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है. उन्होंने नीलम गोरे पर भी हमला बोला है.
Lalit Patil Drugs Case: ललित पाटिल ड्रग मामले में शिवसेना (उद्धव गुट) की उपनेता सुषमा अंधारे ने सीधे तौर पर राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर गलत जानकारी देने और गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या नीलम गोरे पुणे से हैं, लेकिन ललित पाटिल के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी.
क्या बोलीं सुषमा अंधारे?
ABP माझा के अनुसार, अंधारे ने कहा, सरकार को राजनीति छोड़कर ललित पाटिल मामले को गंभीरता से देखना चाहिए. दो दिन पहले सत्र में प्रश्न पूछा गया था. उस समय गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गलत जानकारी दी, वह गुमराह करने वाले हैं.' उन्होंने सांठगांठ की बात कही. सब कुछ गोल था. ललित पाटिल नासिक में यह रैकेट किसके आशीर्वाद से चला रहा था. इसे सामने लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ललित पाटिल उद्धव ठाकरे की शिवसेना से थे. वे झूठ बोल रहे हैं. क्योंकि जिस फोटो में ललित पाटिल दिख रहे हैं उसमें दादा भुसे नजर आ रहे हैं, यानी दादा भुसे उन्हें वहां लेकर आए थे. इस बारे में देवेन्द्र फडणवीस बहुत चुपचाप झूठ बोल रहे हैं.
नीलम गोरे पर साधा निशाना
उप सभापति नीलम गोरे को उस आसन का सम्मान करना चाहिए और उचित जानकारी लेनी और देनी चाहिए. नीलम गोरे मूल रूप से पुणे की हैं, तो क्या उन्हें ललित पाटिल के बारे में ससून अस्पताल से जुड़ी जानकारी नहीं मिल सकती? ललित पाटिल मामले में आज डॉक्टर संजय मार्सले को जमानत मिल गई है. जब नार्को टेस्ट की मांग की गई तो मार्सेल को जमानत कैसे मिल गई? क्या इसका मतलब यह है कि मामले को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है?
पिछले सत्र में देवेंद्र फडणवीस ने अनिल जयसिंगानिया के बारे में बात की थी. ललित पाटिल मामले में भी यही हो रहा है. इस मामले में फडणवीस झूठ बोल रहे हैं. फड़णवीस ने बताया कि ससून के संजीव ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की गई, यह जानकारी गलत है. क्योंकि मैट मामले के कारण संजीव ठाकुर को किनारे कर दिया गया था, इस सरकार की कार्रवाई के कारण उन्होंने कुर्सी नहीं छोड़ी है.
दिशा सालियान केस को लेकर कही ये बात
अब देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि एसआईटी मामले की जांच करेगी. लेकिन अब एसआईटी कैसे गठित करेंगे? दरअसल, आदित्य ठाकरे कल अडानी के खिलाफ मार्च निकालने वाले हैं, इसलिए इस मार्च को नजरअंदाज किया जा रहा है.