Maharashtra: स्वर कोकिला लता मंगेशकर की मौत के बाद पूरा देश शोक में डूबा है. उनकी मौत के बाद रविवार को शाम सात बजकर 16 मिनट पर मुंबई के शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. जहां उनके छोटे भाई के बेटे हृदयनाथ मंगेशकर ने चिता को मुखाग्नि दी.
शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किये जाने के बाद, महाराष्ट्र बीजेपी विधायक राम कदम ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर, लता जी का स्मारक बनाने का अनुरोध किया. उन्हों ने अपने पत्र में महाराष्ट्र सीएम को अनुरोध करते हुए लिखा, "करोड़ों प्रशंसकों, संगीत प्रेमियों और लता दीदी के शुभचिंतकों की ओर से मेरा विनम्र अनुरोध है कि, दिवंगत भारत रत्न लता दीदी का स्मारक शिवाजी पार्क में उसी स्थान पर बनाया जाए, जहां वह पंचतत्व में विलीन हुयी हैं."
लता जी ने ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली अंतिम सांस
उन्होंने अपनी सुरीली और खूबसूरत आवाज से दशकों तक ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी लोगों के दिलों पर राज किया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. 'भारत की नाइटिंगेल' के नाम से दुनियाभर में मशहूर लता जी ने, 1942 में महज 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की थी. जहां उन्होंने करीब पांच दशक तक हिंदी सिनेमा में फीमेल प्लेबैक सिंगिंग में एकछत्र राज किया. उनकी मौत के बाद रविवार को शाम 7 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
उनके अंतिम संस्कार में, राष्ट्रपति की तरफ से सबसे पहले पुष्प अर्पित किया गया. उसके बाद तीनों सेनाओं ने लता दीदी को सलामी देते हुए श्रद्धांजलि दी. तिरंगा उनके पार्थिव शरीर से उठाकर उनके परिवार को सौंप दिया गया. लता मंगेशकर के घर से जब उनका काफिला निकला, तो शिवाजी पार्क तक पहुंचने के सफर में लोग शामिल होते चले गए, इस काफिले में आम और खास के बीच का फर्क खत्म होता नजर आया.
कई भारतीय भाषाओं में 30 हजार से अधिक गाये हैं
लता मंगेशकर ने भारतीय भाषाओं में लगभग 30 हजार से अधिक गाने गाये हैं. संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए, देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान "भारत रत्न" से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. इन बड़े पुरुस्कारों के अलावा लता मंगेशकर के पास 6 अलग-अलग विश्वविद्यालयों की डॉक्टरेट डिग्री है. यानि वह केवल लता मंगेशकर नहीं हैं बल्कि डॉ. लता मंगेशकर कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी.
पूरे देश में दो दिन का होगा राष्ट्रीय शोक
उनकी लता मंगेशकर के निधन पर केंद्र सरकार की ओर से दो दिन के राष्ट्रीय शोक और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से एक दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की गई है. कई राज्य सरकारों ने उनके निधन पर दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
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