Lata Mangeshkar: स्वर कोकिला को याद कर भावुक हुए लातूर के लोग, लता मंगेशकर ने यहां कॉलेज के लिए किया था ‘चैरिटी शो’
Lata Mangeshkar: महाराष्ट्र के लातूर में सैकड़ों ग्रामीणों ने उस कॉलेज में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो स्वर कोकिला के पिता के नाम पर है.
Lata Mangeshkar: देश की स्वर कोकिला ने बीते रविवार को आखिरी सांस ली और इस दुनिया को अलविदा कह दिया. पूरा देश पिछले कुछ दिनों से उनकी जान की सलामती के लिए प्रार्थना, दुआ कर रहा था लेकिन वो बच नहीं पाई. लोग उन्हें लेकर अपनी अपनी यादें शेयर कर रहे हैं. महाराष्ट्र के लातूर में सैकड़ों ग्रामीणों ने उस कॉलेज में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो स्वर कोकिला के पिता के नाम पर है. इस कॉलेज की स्थापना के लिए फंड जुटाने के लिए लता मंगेशकर ने 40 साल पहले विशेष ‘चैरिटी शो’ किया था. लता मंगेशकर के विशेष योगदान का ही नतीजा था कि महाराष्ट्र के नीलांगना तहसील में औराद शाहजानी गांव में मास्टर दीनानाथ मंगेशकर कॉलेज की स्थापना संभव हो सकी थी.
अनेक ग्रामवासियों ने कहा कि वे लोग स्वर कोकिला के साथ हमेशा विशेष लगाव महसूस करते थे. लता मंगेशकर ने एक अस्पताल के उद्घाटन के लिए चार दिसम्बर 1976 में भी इस गांव की यात्रा की थी. ग्रामीणों ने कहा, उन्होंने ‘शरदोपासक शिक्षण संस्था’ के लिए फंड जुटाने के वास्ते वादे के अनुरूप 28 फरवरी, 1981 को ‘संगीत रजनी’ नामक शो आयोजित किया था. शरदोपासक शिक्षण संस्था के अध्यक्ष विश्वनाथ वलाडे ने कहा, ‘‘लातूर में शिक्षा के क्षेत्र में उनका सहयोग अमूल्य है.’’
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर का मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ रविवार को अंतिम संस्कार किया गया. लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी. इस मौके पर हज़ारों चाहने वाले और लता दीदी के परिवार के सदस्य वहां पर मौजूद रहे. फिल्मी दुनिया से लेकर राजनीतिक और खेल जगत की हस्तियां भी लता के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं. राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए दक्षिण मुंबई में उनके आवास से शिवाजी पार्क लाया गया.
पूरे देश में दो दिन का होगा राष्ट्रीय शोक
उनकी लता मंगेशकर के निधन पर केंद्र सरकार की ओर से दो दिन के राष्ट्रीय शोक और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से एक दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की गई है. कई राज्य सरकारों ने उनके निधन पर दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
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