Lata Mangeshkar: भोजपुरी की पहली फिल्म का वह गाना जिसमें लता मंगेशकर ने बिखेरा था अपनी आवाज का जादू
देश की मशहूर गायिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर के आवाज के जादू को देश के साथ-साथ पुरी दूनियां में सुना जाता था. लता मंगेशकर ने हिंदी के अलावा भोजपुरी के कई गांनों में अपना आवाज दिया है.
Lata Mangeshkar: देश की मशहूर गायिका और स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार को निधन हो गया है. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर से जुड़ी यादें एक बार फिर ताजा हो आयी हैं. लता ने हाल में एक साक्षात्कार में 'मल्लिका-ए-तरन्नुम' के रूप में मशहूर गायिका नूर जहां के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र किया था, जब उन्होंने नूर जहां के सामने गाना भी गाया था.
नूर थी लता मंगेशकर की बहुत बड़ी प्रशंसक
यह बात कम ही लोग जानते होंगे कि मंगेशकर ने पहली भोजपुरी फिल्म 'गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो' में गीतों को अपनी आवाज दी थी. इस फिल्म में दिग्गज गायक मोहम्मद रफी ने भी गीत गाए थे. मंगेशकर ने 'लागी नहीं छूटे राम' समेत कई अन्य भोजपुरी फिल्मों में भी अपनी सुनहरी आवाज का जादू बिखेरा था. लता मंगेशकर नूर जहां की बड़ी प्रशंसक थीं. नूर जहां 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान चली गई थीं.
नूर से पहली मुलाकात हुई थी बड़ी मां के सेट पर
एक यूट्यूब चैनल पर पिछले महीने साझा किए गए एक साक्षात्कार में लता मंगेशकर ने पुराने दिनों को याद करते हुआ बताया था कि मशहूर गायिका नूर जहां से उनकी पहली मुलाकात महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 1944 में फिल्म 'बड़ी मां' के सेट पर हुई थी. मंगेशकर ने इस फिल्म में अभिनय भी किया था.
साक्षातकार में याद किया था नूर को
साक्षात्कार के दौरान मंगेशकर ने कहा था, ' मैं बतौर कलाकार प्रफुल पिक्चर्स के साथ काम कर रही थी. नूर जहां इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थीं और वह शूटिंग के लिए कोल्हापुर आई थीं. फिल्म निर्माता ने नूर जहां से मिलवाने के लिए मुझे बुलाया और इस दौरान नूर जहां ने मुझे कुछ शास्त्रीय गीत और फिल्मी गीत गाने के लिए कहा था.' साक्षात्कार के दौरान मंगेशकर ने नूर जहां के साथ बांबे (अब मुंबई) में हुई और मुलाकातों को भी याद किया था.
यह भी पढ़ें-