(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election: 48 सीटें, NCP-शिवसेना का बंटवारा और 2019 का फैक्टर, महाराष्ट्र से होकर जाता है दिल्ली का रास्ता?
Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में इस साल लोकसभा का चुनाव बहुत खास होने वाला है. दो गुटों में बंटी शिवसेना और एनसीपी पहली बार चुनावी मैदान में आपस में टकराएंगी.
Maharashtra Lok Sabha Seat: देश में इस वक्त चारों तरफ लोकसभा चुनाव की चर्चा है. एक तरह जहां इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बैठक जारी है तो दूसरी तरफ सभी की निगाह महाराष्ट्र पर भी टिकी हुई है. महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है क्योंकि सीटों के लिहाज से यूपी के बाद ये दूसरे नंबर पर आती है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर महाराष्ट्र में सियासी पारा बढ़ने वाला है. अब लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र क्यों महत्वूर्ण है आइये इसे भी समझ लेते हैं.
महाराष्ट्र से होकर जाता है दिल्ली का रास्ता
कहते हैं दिल्ली का रास्ता महाराष्ट्र से होकर जाता है. वो इसलिए क्योंकि यूपी के बाद यहां सबसे अधिक सीटें हैं. जिस पार्टी ने यहां अपना परचम लहरा लिया उसके लिए दिल्ली का राश्ता आसान हो जाएगा. राज्य में इस वक्त गठबंधन की सरकार है जिसमें बीजेपी, एकनाथ शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी का गठबंधन है.
यूपी के बाद महाराष्ट्र में है सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर हर राज्यों में सियासी हलचल तेज है. यूपी के बाद महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक लोकसभा सीट है. महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में अब हर पार्टी चाहेगी की वो ज्यादा से ज्यादा सीटों को अपने नाम कर सके.
दो बड़ी पार्टियां एनसीपी और शिवसेना दो गुटों में बंट गईं
महाराष्ट्र में इस साल लोकसभा का चुनाव बहुत खास होने वाला है. इसकी वजह ये है कि इस बार महाराष्ट्र में कई गुट पहली बार आमने-सामने होंगे. पहली बार दो गुटों में बंटी शिवसेना यानी एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे आमने-सामने होंगे. यही नहीं पहली बार एनसीपी में भी दो फाड़ हुआ है. यहां पहली बार होगा जब चाचा-भतीजे आपस में टकरायेंगे. यूपी के बाद महाराष्ट्र इस साल एक युद्ध का मैदान बनने जा रहा है.
एनसीपी-शिवसेना विभाजन के बाद महाराष्ट्र में पहला चुनाव
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना जैसी प्रमुख पार्टियों के भीतर आंतरिक विभाजन के बाद ये पहला चुनाव होगा जब चुनावी मैदान में शिवसेना (UBT) की तरफ से उद्धव ठाकरे और शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे की कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. शिवसेना में जबसे दो फाड़ हुआ है तबसे ये दोनों एक दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चुकते. वहीं एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई है. एक खेमा शरद पवार का है तो दूसरा गुट अजित पवार का है. चुनाव में सभी की नजर चाचा-भतीजे पर भी होगी.
लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव
प्रमुख दलों, विशेषकर एनसीपी और शिवसेना के भीतर विभाजन के बाद आगामी चुनाव महाराष्ट्र के लिए पहली राजनीतिक परीक्षा है. क्योंकि इसबार महाराष्ट्र में दो बड़े चुनाव होने हैं. पहले लोकसभा चुनाव फिर विधानसभा चुनाव. ऐसे में महाराष्ट्र में चुनावी दंगल देखने को मिल सकता है.
2019 में एनडीए ने 41 सीटें जीतीं
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की अगर हम बात करें तो इस चुनाव में NDA ने 48 में से 41 सीटें जीती थी. ऐसे में NDA राज्य में MVA गठबंधन को कड़ी टक्कर दे सकता है. 2019 के लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 41 सीटें जीतकर महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी.
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