Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने बुधवार (13 मार्च) को 72 उम्मीदवारों की सैकेंड ल‍िस्‍ट जारी कर दी है. इस सूची में महाराष्‍ट्र के ल‍िए 20 सीटों पर भी प्रत्‍याश‍ियों के नामों का ऐलान क‍िया गया है, ज‍िसमें बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को भी चुनावी समर में उतारा गया है. पार्टी ने मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी का ट‍िकट काटकर उनकी जगह राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल (Piyush Goyal) पर भरोसा जताया है.


तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे पीयूष गोयल का राजनीति से जुड़ाव तब हुआ, जब उन्होंने किशोरावस्था में ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपनी मां दिवंगत चंद्रकांता गोयल के लिए प्रचार किया था. पीयूष गोयल के पिता वेद प्रकाश गोयल लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता रहे. उन्होंने संघ के दिग्गज बालासाहेब देवरस, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर काम किया था. मध्य मुंबई के सायन में स्थित गोयल का घर उन दिनों राजनीतिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र था.


बचपन से रहा घर में रहा राजनीतिक माहौल
पार्टी के दिग्गज नेता वहां अक्सर आते-जाते थे और ठहरते थे. पीयूष गोयल को उनके करीबी 'हैप्पी' के नाम से पुकारते हैं. उस दौर में वह मुंबई आने वाले नेताओं के साथ समय बिताया करते थे और उनकी आवभगत की जिम्मेदारी संभालते थे. साल 1984 में शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और वाजपेयी के बीच बैठक के बाद गोयल आवास पर ही बीजेपी और शिवसेना के बीच औपचारिक गठबंधन को स्वरूप दिया गया था. गोयल ने आडवाणी के चुनाव अभियान में भी उस वक्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब वह पहली बार 1989 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे.


केंद्र सरकार में भी उनकी पहचान एक ऐसे नेता की है, जिसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार से लेकर घरेलू और चुनौतीपूर्ण मु्द्दों तक के समाधान में भूमिका निभाई. मुंबई में जन्मे गोयल के लिए चुनाव प्रचार नया नहीं है. उन्होंने किशोरावस्था में नगर निगम चुनाव और बाद में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अपनी मां के लिए वोट मांगा था. उनकी मां चंद्रकांता गोयल ने आपातकाल के बाद एक पार्षद के रूप में कार्य किया और बाद में तीन कार्यकालों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में माटुंगा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.


गोयल बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे
स्वर्गीय वेद प्रकाश गोयल ने वाजपेयी मंत्रिमंडल में जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्य किया. गोयल बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे और उन्होंने अपने संपर्कों के नेटवर्क के जरिये पार्टी को आर्थिक मदद पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. पीयूष गोयल को 2010 में बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया और उन्होंने अपने पिता की विरासत को जारी रखा. गोयल का अकादमिक रिकॉर्ड शानदार रहा है. उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर दूसरी रैंक हासिल की थी. 


उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बोर्ड में सरकार द्वारा नामित निदेशक के रूप में भी काम किया है. गोयल पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हैं. पहली मोदी सरकार में उन्हें बिजली, कोयला और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभाग सौंपे गए. उन्हें रेल मंत्रालय का प्रभार दिया गया और बाद में अरुण जेटली के अस्वस्थ होने पर उन्हें वित्त मंत्री भी बनाया गया. गोयल ने बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय समस्याओं के समाधान और उनकी परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधारों पर जोर दिया. साथ ही दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


कोरोना काल के दौरान मिली थी ये जिम्मेदारी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्हें राज्यसभा के नेता के रूप में नियुक्त किया गया थ. मोदी के दूसरे कार्यकाल में गोयल को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय दिया गया था. वह पिछले पांच वर्षों से भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों का संचालन कर रहे हैं. रामविलास पासवान के निधन के बाद उन्हें उपभोक्ता मामलों और खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.


कोविड-19 महामारी के बीच महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार संभालते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ गरीब और कमजोर लोगों को मुफ्त खाद्यान्न के वितरण का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित किया. सालों तक चुनावी रणनीति बनाने के बाद गोयल ने अब मुंबई उत्तर से चुनावी मैदान में कदम रखा है, जो वर्तमान में बीजेपी के गोपाल शेट्टी के पास है. इस सीट का पहले तीन बार बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम नाईक ने प्रतिनिधित्व किया था, जिनके साथ गोयल के करीबी संबंध रहे हैं.


उम्मीदवार बनाए जाने के बाद गोयल ने 'एक्स' पर कहा कि 'समाज उत्थान के लिए समर्पित रहने वाले मेरे मित्र और सहयोगी गोपाल शेट्टी से फोन पर बात कर उनका आशीर्वाद लिया. उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि इस क्षेत्र के उत्थान और निरंतर प्रगति के लिए उनका स्नेह और सहयोग हमेशा मिलता रहेगा.' 



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