Lok Sabha Election 2024: छत्रपति शाहू महाराज किस सीट से लड़ेंगे चुनाव? पूर्व सांसद संभाजी राजे ने दिया बड़ा संकेत
Maharashtra Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव के लिए कोल्हापुर सीट से छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज शाहू महाराज कांग्रेस की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
Maharashtra Lok Sbha Election Chunav 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है. पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजी राजे छत्रपति ने बुधवार (6 मार्च) को कहा कि उनके पिता छत्रपति शाहू महाराज के कोल्हापुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. इसलिए इस सीट से उनके दावा करने का कोई सवाल ही नहीं है.
राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज शाहू महाराज कोल्हापुर से कांग्रेस के सिंबल पर चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. संभाजी राजे छत्रपति ने बताया कि यह कहा जा रहा था कि मैं कोल्हापुर या नासिक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ूंगा, लेकिन जब यह फैसला लिया गया कि मेरे पिता छत्रपति शाहू महाराज कोल्हापुर से चुनाव लड़ेंगे, तो अब वहां से मेरे चुनाव लड़ने का कोई सवाल ही नहीं है.
क्या कहते हैं 2019 के आंकड़े?
संभाजी राजे ने आगे कहा कि टिकट के बदले अब उनका पूरा प्रयास कोल्हापुर में शाहू महाराज की जीत सुनिश्चित करने के लिए होगा. महाविकास अघाड़ी से जुड़े सूत्रों के अनुसार छत्रपति शाहू महाराज कांग्रेस के चुनाव-चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे. शाहू महाराज की कोल्हापुर के साथ पूरे महाराष्ट्र और मराठा समाज में बहुत ज्यादा सम्मान है. मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान पिछले साल अक्टूबर में शाहू महाराज ने मनोज जरांगे से भी मुलाकात की थी.
बता दें 2019 के लोकसभा चुनावों में कोल्हापुर की सीट पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को जीत मिली थी. पार्टी ने एनसीपी के नेता धनजंय महादिक को 2.70 लाख वोटों से हराकर सीट जीती थी. इसके बाद शिवसेना के उम्मीदवार संजय सदशिव मांडलिक सांसद बने थे. वहीं 2014 में यह सीट एनसीपी के पास थी तब धनजंय महादिक जीते थे. दरअसल 1952 से लेकर कोल्हापुर की सीट पर बीजेपी को कभी भी जीत नहीं मिली है.
इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के बाद एनसीपी और बीच में दो बार पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया (Peasants and Workers Party of India) पार्टी को जीत मिली थी. जबकि 2019 में पहली बार शिवसेना ने यहां से जीत दर्ज की थी.