Lok Sabha Elections 2024: चुनाव से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस में होंगे बड़े बदलाव, मल्लिकार्जुन खरगे ने शुरू कीं तैयारियां
Maharashtra Politics: राजस्थान के नेताओं से मुलाकात के बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है. इस मुलाकात का उद्देश्य संगठन में बदलाव करना है.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम वक्त रह गया है. राजनीतिक पार्टियां और विशेषकर राष्ट्रीय पार्टियां अलग-अलग प्रदेशों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए काम कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस (Congress) कई राज्यों में अपने संगठन में बदलाव करने जा रही है जबकि महाराष्ट्र (Maharashtra) में पार्टी के प्रभारी को बदला जा सकता है. इसकी वजह यह है कि मौजूदा प्रभारी एच के पाटिल (H K Patil) को कर्नाटक कैबिनेट में जगह मिली है, ऐसे में प्रभारी की जिम्मेदारी उनकी जगह किसी और नेता को देने की तैयारी चल रही है.
बीते दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र के नेताओं से मुलाकात की है जिसमें नया अध्यक्ष चुने जाने पर भी चर्चा हुई है. वहीं, माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस किसी बड़े नेता को महाराष्ट्र का प्रभार दे सकती है. यह ऐसा नेता होगा सभी को लेकर चल सके. राजस्थान कांग्रेस में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान जगजाहिर है, दोनों ही नेताओं को साथ लाने के लिए आखिरकार शीर्ष नेतृत्व को ही आगे आना पड़ा और दिल्ली बुलाकर उनसे अलग-अलग बैठक की गई. कांग्रेस जो स्थिति राजस्थान में झेल चुकी है चुनाव से पहले वह महाराष्ट्र में उससे बचना चाहती है.
सीट बंटवारे से पहले कांग्रेस कर लेगी प्रभारी का चयन
कांग्रस महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों पर महाविकास अघाड़ी की सहयोगी रहते हुए ही चुनाव लड़ेगी. ऐसे में यहां सीट बंटवारा अहम होगा. सीट बंटवारे को लेकर एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ बातचीत होनी है और उससे पहले कांग्रेस महाराष्ट्र प्रभारी का चुनाव कर लेना चाहती है. महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट है जिसपर कांग्रेस ने 2019 में एनसीपी के साथ गठबंधन करते हुए चुनाव लड़ा था.
सीट बंटवारे के तहत कांग्रेस ने 25 और एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि बाकी की चार सीटें बहुजन विकास अघाड़ी और स्वाभिनी शेतकारी संगठन के बीच बांटी गई थीं. 25 सीटों में कांग्रेस को केवल एक सीट पर ही जीत हासिल हुई थी जबकि एनसीपी ने चार सीट अपने नाम की थी. अब चूंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी साथ चुनाव लड़ेगी ऐसे में सांसदों की संख्या बढ़ने के आसार जताए जा रहे हैं.
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