Maharashtra: उद्धव ठाकरे को लेकर असमंजस में कांग्रेस? MVA में पेच की असली वजह का खुलासा
MVA Seat Sharing Formula: महाराष्ट्र में एमवीए में आखिर सीट शेयरिंग का मामला क्यों उलझ गया है? पार्टियां क्यों अब तक कुछ फाइनल नहीं कर पाई है? इसको लेकर नई जानकारी आई है.
Maharashtra News: महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेता सीट शेयरिंग पर बैठक करते हैं औऱ मीडिया के सामने आकर यह कहते हैं कि सब ठीक है और जल्द सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो जाएगा लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. 27 फरवरी को शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने मीडिया के सामने आकर कहा था कि सीट शेयरिंग का मसौदा तैयार है बस अब अगली बैठक में फाइनल मुहर लगेगी. उसके बाद से गठबंधन में कई बैठकें हो चुकी हैं और नतीजा शून्य है. एमवीए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मुख्य समस्या शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस के बीच है.
सूत्रों का कहना है कि शिवसेना(UBT) और कांग्रेस में विश्वास की कमी है. कांग्रेस को लग रहा है कि गठबंधन का ज्यादा फायदा उद्धव ठाकरे को हो रहा है. शिवसेना-यूबीटी के वोट कांग्रेस को ट्रांसफर होंगे या नहीं इसको लेकर कांग्रेस के बड़े नेता असमंजस में हैं. शिवसेना-यूबीटी और कांग्रेस में से कोई भी झुक नहीं रहा है जिसकी वजह से सीट बंटवारे का विवाद सुलझ नहीं रहा है. वहीं दावा किया जा रहा है कि केवल शरद पवार ही गठबंधन के लिए ईमानदार कोशिश कर रहे हैं.
प्रकाश अंबेडकर के कारण भी उलझा मामला
बुधवार की बैठक से यह जानकारी आई कि शिवसेना-यूबीटी 23, कांग्रेस 15, शरद पवार की पार्टी 10 और वंचित बहुजन अघाड़ी दो सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. हालांकि इस पर कोई फाइनल मुहर नहीं लग पाई है. महाविकास अघाड़ी की तीन पार्टियों में सहमति नहीं बन पाई है वहीं यह वंचित बहुजन अघाड़ी को अपने साथ लाना चाहती है जिसके नेता प्रकाश अंबेडकर ने अजीब सी शर्त रख दी. उन्होंने दावा किया कि राज्य की कुल 48 सीटों पर 27 में उनकी पार्टी का प्रभाव है लिहाज उन्हें सबसे ज्यादा सीटें दी जाएं. महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला प्रकाश अंबेडकर की मांग के कारण भी उलझ गया है. जबकि कुछ सीटें ऐसी हैं जिसपर कांग्रेस और शिवसेना-यूबीटी दोनों दावा कर रही है.
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