Maharashtra News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य विधानसभा चुनाव में एमवीए को बहुमत मिलने का भरोसा जताया है. साथ ही उन्होंने रविवार (10 नवंबर) को कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाला दल ही मुख्यमंत्री का नाम तय करता है. चव्हाण ने मीडिया से बातचीत के दौरान उन वादों को 'भाजपा पार्टी का दुष्प्रचार' करार देते हुए खारिज कर दिया कि हरियाणा में कांग्रेस की हार से महाराष्ट्र में विपक्ष गठबंधन कमजोर हो जाएगा.
नवंबर 2010 से सितंबर 2014 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे चव्हाण ने कहा, "हरियाणा और महाराष्ट्र की तुलना नहीं की जा सकती है, अगर आप लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नज़र डालेंगे तो हरियाणा में 5-5 सीट (कांग्रेस पार्टी को 5 और भाजपा पार्टी को 5 सीटें मिली थी) लेकिन महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजे 65 प्रतिशत (MVA) और 35 प्रतिशत रहा है. दोनों में ही बड़ा अंतर है." उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा का सामाजिक समीकरण अलग है और वैसे भी महाराष्ट्र के प्रत्येक क्षेत्र का अपना सामाजिक स्वरूप है.
महा विकास आघाडी (MVA) के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल पर चव्हाण ने कहा कि, "यह एक पुरानी परंपरा है कि सबसे बड़ी पार्टी चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय करती है. मुझे नहीं लगता है कि इस बार इसमें कुछ अलग होना चाहिए, लेकिन इस बार अगर तीनों दल मिलकर फॉर्मूला बदलना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए आजाद है. नेता जो चाहें, कर सकते हैं."
चव्हाण ने आगे कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार ने भी कहा है कि गठबंधन सहयोगियों में जिसके पास सबसे ज्यादा सीटें होंगी मुख्यमंत्री के नाम का फैसला उसी पार्टी के हाथ में होगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री की दौड़ में है, तो उन्होंने कहा की, "यह एक हास्यापद सवाल है. ऐसा मत पूछिए पहले आपको चुनाव जीतना होगा, हमारी प्राथमिकता चुनाव जीतना है. जैसा मैं कह रहा हूं, शरद पवार ने कहा है कि, सबसे बड़ी पार्टी ही मुख्यमंत्री का नाम तय करेगी."
चव्हाण ने सीट बंटवारे को लेकर एमवीए के घटक दलों कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (एसपी) के बीच मनमुटाव की कोई भी स्थिति नहीं है. हमने कहा है कि सभी 288 सीटों पर समझौता एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. चव्हाण ने मीडिया को यह भी बताया कि "हम मुख्य रूप से तीन दलों और कुछ अन्य दलों के बीच 288 सीट के बारे में बात कर रहे हैं. केवल 3 से 4 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दो सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. वही कुछ बागी उम्मीदवार भी हैं, जिनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है."
चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लंबी बातचीत के बाद महाराष्ट्र के लिए गारंटी जारी की है. चव्हाण ने आगे कहा कि "हमने सभी नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर विचार किया, हमने सभी फायदे और नुकसान का आकलन करने के बाद सभी दल एक सहमति पर पहुंची है."
एमवीए गठबंधन ने पिछले हफ्ते अपनी गारंटी जारी की थी, जिसमें पार्टी ने महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए 3 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता और राज्य परिवहन बसों में फ्री यात्रा की सुविधा का वादा किया है. वही शिवसेना (यूबीटी) राकांपा (एसपी) कांग्रेस गठबंधन ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया है कि कृषि समृद्धि योजना के अंतर्गत किसानों का 3 लाख रुपये तक का ऋण माफ कर दिया जाएगा और फसल ऋण के नियमित भुगतान के लिए 5 हजार रुपये दिए जाएंगे.
बेरोजगार युवाओं के लिए 4 हजार रुपये हर महीने का भत्ता, 25 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा और निशुल्क दवाएं इन सभी चीजों की घोषणा एमवीए के बड़े नेताओं ने मुंबई के बीकेसी मैदान में आयोजित एक जनसभा में की. एमवीए ने सत्ता में आने पर जाति सर्वेक्षण कराने का वादा भी किया है.
नवंबर 2010 से सितंबर 2014 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे चव्हाण ने कहा, "हरियाणा और महाराष्ट्र की तुलना नहीं की जा सकती है, अगर आप लोकसभा चुनाव के परिणामों पर नज़र डालेंगे तो हरियाणा में 5-5 सीट (कांग्रेस पार्टी को 5 और भाजपा पार्टी को 5 सीटें मिली थी) लेकिन महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजे 65 प्रतिशत (MVA) और 35 प्रतिशत रहा है. दोनों में ही बड़ा अंतर है." उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा का सामाजिक समीकरण अलग है और वैसे भी महाराष्ट्र के प्रत्येक क्षेत्र का अपना सामाजिक स्वरूप है.
महा विकास आघाडी (MVA) के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल पर चव्हाण ने कहा कि, "यह एक पुरानी परंपरा है कि सबसे बड़ी पार्टी चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय करती है. मुझे नहीं लगता है कि इस बार इसमें कुछ अलग होना चाहिए, लेकिन इस बार अगर तीनों दल मिलकर फॉर्मूला बदलना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए आजाद है. नेता जो चाहें, कर सकते हैं."
चव्हाण ने आगे कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार ने भी कहा है कि गठबंधन सहयोगियों में जिसके पास सबसे ज्यादा सीटें होंगी मुख्यमंत्री के नाम का फैसला उसी पार्टी के हाथ में होगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री की दौड़ में है, तो उन्होंने कहा की, "यह एक हास्यापद सवाल है. ऐसा मत पूछिए पहले आपको चुनाव जीतना होगा, हमारी प्राथमिकता चुनाव जीतना है. जैसा मैं कह रहा हूं, शरद पवार ने कहा है कि, सबसे बड़ी पार्टी ही मुख्यमंत्री का नाम तय करेगी."
चव्हाण ने सीट बंटवारे को लेकर एमवीए के घटक दलों कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (एसपी) के बीच मनमुटाव की कोई भी स्थिति नहीं है. हमने कहा है कि सभी 288 सीटों पर समझौता एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. चव्हाण ने मीडिया को यह भी बताया कि "हम मुख्य रूप से तीन दलों और कुछ अन्य दलों के बीच 288 सीट के बारे में बात कर रहे हैं. केवल 3 से 4 ऐसे क्षेत्र हैं, जहां दो सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. वही कुछ बागी उम्मीदवार भी हैं, जिनके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है."
चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लंबी बातचीत के बाद महाराष्ट्र के लिए गारंटी जारी की है. चव्हाण ने आगे कहा कि "हमने सभी नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर विचार किया, हमने सभी फायदे और नुकसान का आकलन करने के बाद सभी दल एक सहमति पर पहुंची है."
एमवीए गठबंधन ने पिछले हफ्ते अपनी गारंटी जारी की थी, जिसमें पार्टी ने महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए 3 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता और राज्य परिवहन बसों में फ्री यात्रा की सुविधा का वादा किया है. वही शिवसेना (यूबीटी) राकांपा (एसपी) कांग्रेस गठबंधन ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ऐलान किया है कि कृषि समृद्धि योजना के अंतर्गत किसानों का 3 लाख रुपये तक का ऋण माफ कर दिया जाएगा और फसल ऋण के नियमित भुगतान के लिए 5 हजार रुपये दिए जाएंगे.
बेरोजगार युवाओं के लिए 4 हजार रुपये हर महीने का भत्ता, 25 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा और निशुल्क दवाएं इन सभी चीजों की घोषणा एमवीए के बड़े नेताओं ने मुंबई के बीकेसी मैदान में आयोजित एक जनसभा में की. एमवीए ने सत्ता में आने पर जाति सर्वेक्षण कराने का वादा भी किया है.
चव्हाण ने नरेंद्र मोदी के एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे वाले बयान पर भी तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी अब ऐसे बयान इसलिए दे रही है क्योंकि वह हताश और घबराई हुई है.