Maharashtra News: मराठी भाषा में पढ़ाई की वजह से रिजेक्ट हुए थे 252 अभ्यर्थी, अब सीएम शिंदे ने दिलाया ये भरोसा
BMC स्कूलों में टीचर बनने की चाह रखने वाले 252 युवाओं को उम्मीद की किरण नजर आई है. उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था क्योंकि उनकी प्राथमिक शिक्षा अंग्रेजी के बजाय मराठी में थी.
Maharashtra News: मुंबई में प्राथमिक और माध्यमिक नागरिक-संचालित स्कूलों में प्रोबेशनरी सहायक स्कूल शिक्षकों के रूप में नौकरी चाहने वाले 252 युवाओं को उम्मीद की किरण नजर आई है. दरअसल इन्हें तीन साल पहले कथित तौर पर बीएमसी द्वारा खारिज कर दिया गया था क्योंकि उनकी प्राथमिक शिक्षा अंग्रेजी में न होकर मराठी में थी. अब इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के हस्तक्षेप के बाद अभ्यर्थियों को उम्मीद नजर आई है. महाराष्ट्र छात्र संघ (एमएएसयू) के सदस्यों ने पिछले हफ्ते इस मामले के बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्होंने नगर निगम प्रमुख इकबाल सिंह चहल को इस पर गौर करने का निर्देश दिया.
252 उम्मीदवार सिर्फ इसलिए किए गए खारिज
एमएएसयू के संस्थापक अध्यक्ष अधिवक्ता सिद्धार्थ इंगले, जिन्होंने सीएम से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, ने कहा कि “राज्य के विभिन्न हिस्सों से इन नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने 12,000 रिक्तियों (नागरिक/ नगर परिषद/जिला परिषद स्कूलों, आदि) को भरने के लिए चयन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र शिक्षक योग्यता और इंटेलीजेंस परीक्षा (MahaTAIT) को मंजूरी दे दी थी. 252 उम्मीदवार उन लोगों में से थे जिन्होंने अपनी पसंद के रूप में बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों को चुना था.” बकौल मिड डे पोर्टल, अधिवक्ता इंगले ने दावा किया कि “MahaTAIT की भर्ती उपयुक्त कौशल वाले शिक्षकों का चयन करने के लिए की गई थी. लेकिन हालांकि 252 ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने उन्हें वर्ष 2019 में अयोग्य घोषित कर दिया, सिर्फ इसलिए कि उनकी प्राथमिक शिक्षा मराठी या किसी अन्य क्षेत्रीय माध्यम में थी, न कि अंग्रेजी में.”
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एक अभ्यर्थी ने कही ये बात
कोल्हापुर के एक उम्मीदवार ने कहा कि “लगभग 1.80 लाख उम्मीदवारों ने 12,000 पदों को भरने के लिए 2017 में पवित्र पोर्टल के माध्यम से MahaTAIT के लिए आवेदन किया था. अधिकांश उम्मीदवार राज्य भर में राज्य/नागरिक/जिला परिषद स्कूलों में काम करने की उम्मीद कर रहे थे. 2019 में जब अंततः परिणाम घोषित किए गए, तो मुझे मेरिट सूची में अपना नाम पाकर खुशी हुई और अपनी पसंद के अनुसार, मैंने बीएमसी स्कूल के लिए मुंबई में काम करने का विकल्प चुना. लेकिन हमारे लिए आश्चर्य और अविश्वास की बात यह रही कि, हममें से कई लोगों को खारिज कर दिया गया, क्योंकि हमारी प्राथमिक शिक्षा स्थानीय भाषा में थी."
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