स्कूल यूनीफॉर्म ने खारघर के रहने वाले 10 साल के खोए हुए बच्चे को उसके मां-बाप से मिला दिया. दरअसल बच्चा मानसिक रूप से विक्षिप्त था और सोमवार को वह कहीं और जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया और उसने 580 किलो मीटर की यात्रा की. स्कूल की ड्रेस के अलावा एक यात्री की सतर्कता और एक स्कूल के प्रिंसिपल की तत्परता ने बच्चे की पहचान करने में मदद की. दरअसल ट्रेन से वाराणसी जा रहे अरविंद पाठक ने बताया कि ट्रेन के कल्याण से निकलने के बाद दोपहर करीब तीन बजे बच्चे को देखा गया. बच्चे ने खारघर के रामसेठ ठाकुर पब्लिक स्कूल की पीटी की ड्रेस पहन रखी थी. पाठक ने कहा कि वह बच्चा अपनी धुन में था. उसे इस बात का बिल्कुल भी इल्म नहीं था कि वह किस ट्रेन में चढ़ा है और कहां जा रहा है. उसने अपने माता-पिता का नाम बताया और बताया कि वह पेडगांव से है.


पाठक ने किया स्कूल से संपर्क
पाठक ने बताया कि बच्चे की ड्रेस पर स्कूल का नाम पढ़कर उन्होंने स्कूल में फोन किया, लेकिन चूंकि रात के नौ बच चुके थे, इसलिए स्कूल में किसी ने फोन नहीं उठाया. कुछ देर बाद स्कूल की तरफ से पाठक को कॉल आया। फोन स्कूल की प्रिंसिपल राज अलोनी ने किया था। उन्होंने कहा कि वह देर रात तक काम कर रही थीं. पाठक ने प्रिसिंपल को बच्चे के बारे में पूरी जानकारी दी. अरविंद पाठक ने बच्चे की तस्वीरें प्रिसिंपल को भेजीं और अपना फोन नंबर भी एक्सचेंज किया.


स्कूल स्टाफ ने किया बच्चे को पहचानने से इंकार
 बच्चे की ड्रेस की स्लीव पर एक टैग लगा हुआ था जिस पर लिखा था 'बस रूट 5'. इसके बाद प्रिंसिपल ने रूट नंबर 5 की स्कूल बस चलाने वाले ड्राइवर से बच्चे के बारे में पूछा, लेकिन ड्राइवर उस बच्चे की पहचान नहीं कर सका. इसके बाद बच्चे की फोटो स्कूल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की गईं. हैरानी तब हुई जब स्कूल के किसी भी टीचर ने बच्चे को पहचानने से इंकार कर दिया. हारकर प्रिंसिपल ने पाठक के फोन से बच्चे से बात की, लेकिन वह बच्चा उस स्कूल के बारे में कुछ नहीं जानता था. अंत में पता चला कि वह बच्चा एक बेहद गरीब परिवार से है, उसकी मां किसी के घर पर काम करती है जिसने वह ड्रेस उसे दी थी और वह बच्चा उसी ड्रेस को पहनकर चला गया था.


माता-पिता ने लिखाई गुमशुदगी की रिपोर्ट


इसके बाद प्रिंसिपल ने अपना काम छोड़कर भुसावल में रेलवे कर्मचारियों से संपर्क किया, लेकिन तब तक ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी थी। इसके बाद उन्होंने खारघर थाने में संपर्क किया और लड़के की तस्वीरें साझा कीं. इसके बाद वरिष्ठ निरीक्षक जीतू म्हात्रे ने रेलवे पुलिस से संपर्क किया. देर रात जब ट्रेन मंगलवार को खांडवा स्टेशन पर  रुकी तब जाकर रेलवे पुलिस ने बच्चे को अपनी कस्टडी में लिया. यात्रा के दौरान ट्रेन के यात्रियों ने बच्चे को भोजन-पानी दिया. इसी बीच बच्चे के माता-पिता ने खारघर पुलिस स्टेशन में बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद बच्चे की जानकारी देने के लिए उसके माता-पिता से संपर्क किया गया और इस तरह वह बच्चा अपने माता-पिता से मिल सका.


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