Mumbai Online Exam: महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना (Corona) संक्रमण के मामलों में कमी के बाद, मुंबई (Mumbai) के कई कॉलेजों ने ऑफलाइन मोड (Offline Mode) में परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया था. जिसके बाद मुंबई डिवीज़न (Mumbai Division) के हायर एजुकेशन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर ने एक पत्र जारी कर, मुंबई के सभी स्वायत्त कॉलेजों (Autonomous Colleges) से अंतिम वर्ष की परीक्षा ऑनलाइन मोड (Online Mode) में आयोजित करने को कहा है. हालांकि कई कॉलेजों के जरिये ऑफलाइन परीक्षा के आयोजन के फैसले के बाद, छात्रों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था.


इस आदेश को जारी करते हुए विभाग ने स्वायत्त कॉलेजों से कहा कि, मुंबई विश्विद्यालय (Mumbai University) की तरह स्वायत्त कॉलेज ऑनलाइन मोड में परीक्षा का आयोजन करें. हायर एजुकेशन विभाग ने अपने आदेश में यह भी कहा कि, यह निर्देश कॉलेजों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं. इस संबंध में  हायर एजुकेशन विभाग के जॉइंट डायरेक्टर सोनाली रोडे ने कहा कि, "चूंकि विश्विद्यालय के जरिये पहले ऑनलाइन मोड में परीक्षा के आयोजित कर रह थे, जिससे नए माध्यम में परीक्षा के आयोजन से अंकों में असमानता होगी. इसलिए छात्रों को किसी भी अकादमिक नुक्सान से बचाने के लिए, हम संबंधित कॉलेजों से ऑनलाइन मोड में परीक्षा को आयोजित करने का अनुरोध कर रहे हैं." उन्हों ने आगे कहा कि, "छात्रों ने शिक्षा मंत्री उदय सामंत से मिलकर ऑनलाइन मोड में परीक्षा के आयोजित करवाने का आग्रह किया था. उनके आदेश के बाद विभाग ने यह आदेश जारी किया. 


 


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ऑफलाइन मोड परीक्षा को लेकर छात्रों ने जताई यह परेशानी
शहर के कई बड़े कॉलेजों जैसे मिठीबाई, सेंट जेवियर्स, एनएम कॉलेज और सोफिया ने दो साल बाद परीक्षाओं को ऑफलाइन मोड आयोजित करने का फैसला किया था. इस फैसले के बाद छात्रों ने इसका विरोध करना शुरू करना कर दिया था. छात्रों ने ऑनलाइन मोड में परीक्षा के आयोजन को लेकर शिक्षा मंत्री से मुलाकात भी की थी. छात्रों का कहना था कि, ऑफलाइन परीक्षा के आयोजन से रिजल्ट में कम नंबर आने से पोस्टग्रेजुएशन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वहीं कई छात्रों ने अस्थायी आवास प्राप्त करने में असमर्थता जताई है. 


कॉलेज प्रधानाध्यापकों ने कही यह बात
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, हायर एजुकेशन विभाग के इस आदेश के बाद प्रधानाध्यापकों ने कहा कि, "उन्हें महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2016 की धारा 72 (10) के छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर मुल्यांकन, परीक्षा के आयोजन और परीक्षा के परिणामों को प्रसारित करने के अनुमति देता है." उन्होंने इस संबंध में आगे कहा, यूजीसी ने हमें अकादमिक मानकों को बढाने के लिए स्वायत्तता दी है, इस तरह से कोई भी निर्देश हम पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है." शुक्रवार को जारी पत्र के आधार पर कॉलेज ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करवाने का फैसला वापस लेते हैं या नहीं आने वाले दिनों में पता चलेगा.


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