Mumbai News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बयान पर पलटवार किया. पवार ने नाना पटोले के ''पीठ में छुरा घोंपने'' वाले बयान को हास्यास्पद करार दिया है.. पटोले पर पलटवार करते हुए एनसीपी के वरिष्ठ नेता पवार ने आश्चर्य जताया कि क्या बीजेपी को भी पहले उन पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाना चाहिए था, क्योंकि उन्होंने 2018 में कांग्रेस में शामिल होने के लिए बीजेपी का दामन छोड़ दिया था.


सोच-समझकर बयान दें जिम्मेदार नेता


पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि जिम्मेदार नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बयानों का गलत अर्थ न निकाला जाए. पवार ने यह भी कहा कि राज्य के मौजूदा हालात में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 145 के जादुई आंकड़े को तभी पार कर सकती हैं, जब वह एक साथ हों. गोंडिया जिला परिषद (जेडपी) चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से दूर रखते हुए शरद पवार की अगुवाई वाली पार्टी के प्रतिद्वंद्वी बीजेपी से हाथ मिलाने के एक दिन बाद पटोले ने सहयोगी एनसीपी पर ‘पीठ में छुरा घोंपने’ का आरोप लगाते हुए महा विकास अघाड़ी (एमवीए) खेमे में बुधवार को विवाद पैदा कर दिया था.


पटोले ने यह भी कहा था कि पार्टी के आगामी उदयपुर सम्मेलन में कांग्रेस आलाकमान को पिछले ढाई साल में की गई एनसीपी की ''साजिशों'' से अवगत कराया जाएगा. पवार ने कहा ''नाना का बयान हास्यास्पद है. आप सभी जानते हैं कि वह बीजेपी छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे. तो, क्या बीजेपी को यह आरोप लगाना चाहिए कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए पीठ में छुरा घोंपा है?''


उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर दोनों दलों के नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं, और कहा कि अगर एमवीए घटकों के बीच समन्वय है तो ऐसे मुद्दे नहीं उठेंगे. पवार ने कहा ''कुछ उदाहरण देने के लिए, हम सभी जानते हैं कि कांग्रेस ने कुछ तालुका और जिला स्तरों पर (अतीत में) बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था. मैं इसे ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता, लेकिन जिम्मेदार नेताओं को बोलते समय ध्यान रखना चाहिए कि उनके टिप्पणियों का गलत अर्थ न निकले.''


चुनाव जीतने के लिए गठबंधन का मजबूत होना जरूरी


उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को अपने-अपने आधार बढ़ाने का अधिकार है. एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘लेकिन इस समय, मौजूदा स्थिति को देखते हुए, 145 की जादुई संख्या को तभी पार किया जा सकता है जब तीनों दल एक साथ रहें.’’ उन्होंने कहा ''अगर हमारा कार्यकर्ता किसी विपक्षी दल की ताकत बढ़ाने के बजाय हमारे सहयोगी में शामिल हो जाता है तो हमें बुरा महसूस करने की जरूरत नहीं है. बात यह है कि गठबंधन बरकरार रहना चाहिए.''


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