महाराष्ट्र में सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में शराब की बिक्री की अनुमति होगी. राज्य मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को यह फैसला किया. इसके बाद से ही इस फैसले को लेकर घमासान मचा हुआ है. बीजेपी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है.
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने शराबबंदी वापस ले ली है. उन्होंने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र को ‘मद्य-राष्ट्र’ नहीं बनने देंगे.’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान लोगों की मदद नहीं की, लेकिन इसकी ‘‘प्राथमिकता शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है.’’
वहीं महाराष्ट्र कैबिनेट के फैसले के बाद राज्य के कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक ने संवाददाताओं से कहा कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने वाले फल आधारित शराब उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय किया गया.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि सुपरमार्केट और आस-पडोस की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था अपनाई जाएगी जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक है तथा जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत पंजीकृत हैं.
लेकिन पूजा स्थलों या शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा, जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी। शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा.
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