सेमीकंडक्टर चिप की फैक्ट्री को लेकर आमने-सामने महाराष्ट्र और गुजरात, जानें- क्या है इसका इस्तेमाल
Vedanta-Foxconn Semiconductor Chip Project को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र में खींचतान होने के बाद अंत में यह प्रोजेक्ट गुजरात के पास चला गया. ससे गुजरात को 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने वाला है.
Semiconductor Chip Project: भारत की दिग्गज कंपनी वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन, गुजरात में भारत की पहली सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन फैक्ट्री खड़ी करने जा रहे हैं. इससे गुजरात को 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश मिलने वाला है. बीते मंगलवार को दोनों कंपनियों ने गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. माना जा रहा है कि पहले ये फैक्ट्री महाराष्ट्र में लगने वाली थी. महाराष्ट्र में विपक्ष ने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को इतने बड़े निवेश को हाथ से निकल जाने देने का आरोप भी लगाया है. अब इस मामले में महाराष्ट्र सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है.
'दो साल में शुरू हो जाएगा चिप का प्रोडक्शन'
बता दें कि वेंदाता गुजरात में 1000 एकड़ जमीन पर ये प्लांट लगाएगी, जहां फॉक्सकॉन इस प्रोजेक्ट में तकनीकी भागीदार के रूप में काम कर रही है, वहीं तेल और धातु समूह पर अपनी पकड़ रखने वाली वेदांता परियोजना में पैसा लगा रही है. गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि, "संयंत्र दो साल में सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू कर देगा" कंपनियों ने यह भी कहा कि यह परियोजना गुजरात में 1 लाख से ज्यादा नौकरियों पैदा करेगी.
क्या हैं सेमीकंडक्टर चिप
सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) ऐसी सामग्री है जिसमें कंडक्टर (सुचालक) और इंसुलेटर (कुचालक) के बीच कंडक्टिविटी होती है. सेमीकंडक्टर सामग्री में सिलिकॉन, जर्मेनियम, गैलियम और आर्सेनाइड या कैडमियम सेलेनाइड जैसे शुद्ध तत्व और यौगिक शामिल होते हैं. आसान भाषा में कहें तो ये वह प्रमुख सामग्री है जो हमारे आस-पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक चीजों में पावर सप्लाई को कंट्रोल करती है. इससे हमारी कारों, लैपटॉप, स्मार्टफोन, फ्रिज व अन्य विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सामानों में बिजली को नियंत्रित किया जा सकता है. बीते समय में कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर बढ़ें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की मांग ने इन चिप्स की मांग को बढ़ा दिया.
कमी की वजह से असर झेल रहे कई सेक्टर
सेमीकंडक्टर की कमी से लगभग सभी क्षेत्रों में सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है. कंपनियां चिप्स की आवश्यकता वाली सुविधाओं में कटौती करके उपभोक्ताओं के लिए देरी को कम करने का प्रयास कर रही हैं. उदाहरण के लिए, कई कार निर्माता कंपनियां नई कारों को केवल एक चाबी ( Car Key) के दे रही हैं और अगली एक चाबी को बाद में देने का वादा कर रही हैं. कई कंपनियां तो अन्य छोटी डिस्प्ले स्क्रीन वाली या बिना म्यूजिक सिस्टम वाली कारों की डिलीवरी कर रहे हैं. इन कटौतियों के बावजूद, कई मॉडलों पर वेटिंग पीरियड रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है. इसी चुनौती को देखते हुए वेदांता ने देश में ही सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाले प्लांट को लगाने का फैसला किया है.