Maharastra Liquor Sell in Supermarket: सुपरमार्केट (Supermarket) में शराब (Wine) की बिक्री की अनुमति देने के महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के फैसले की काफी आलोचना हो रही है. वहीं आज समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने भी सुपरमार्केट में शराब बेचने के सरकार के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहा.
सुपरमार्केट में शराब की अनुमति देने का सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण- अन्ना हजारे
समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज कहा कि, “ सुपरमार्केट में शराब की अनुमति देने का सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है. नशामुक्ति की दिशा में काम करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन मुझे यह देखकर दुख होता है कि यह वित्तीय लाभ के लिए निर्णय ले रही है, जिसके परिणामस्वरूप शराब की लत होगी.”
सरकार को नशे के प्रति लोगों को हतोत्साहित करना चाहिए- अन्ना हजारे
अन्ना हजारे ने इस दौरान ये भी कहा, “ एक तरफ राज्य सरकार किसानों के हित की बात करती है. ये भी कहा जाता है कि वाइन शराब नहीं है. ये फैसला राज्य को कहा ले जाएगा? ये असली सवाल है. संविधान के अनुसार को सरकार का ये कर्तव्य होना चाहिए कि वह लोगों को नशे, नशीली दवाओं और शराब को लेकर हतोत्साहित करे और लोगों को शिक्षित करें. लेकिन सरकार आर्थिक लाभ के लिए शराब बेचने के फैसले ले रही है. एक वर्ष में 1000 अरब लीटर शराब बेचने का लक्ष्य तय करने वाली सरकार असल में क्या हासिल करेगी? ये बड़ा सवाल है.
महाराष्ट्र सरकार के सुपरमार्केट में शराब की अनुमति के फैसले की हो रही कड़ी आलोचना
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सुपर मार्केट (Super Market) और ग्रॉसरी स्टोर (Grocery Store) में शराब की बिक्री की अनुमति देने का फैसला गुरुवार को किया था. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के इस फैसले को लेकर एक तरफ जहां विपक्ष उन पर निशाना साधा रहा है, तो दूसरी तरफ आम लोग भी इस फैसलेेे से नाखुश हैं.
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