Maharashtra: अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष का हंगामा, महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
Mumbai News: अब्दुल सत्तार पर पिछली सरकार में मंत्री रहते हुए चारागाह की 37 एकड़ जमीन को एक निजी व्यक्ति के नाम करने का आरोप है. बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई भी चल रही है.
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Maharashtra Assembly Adjourned: पिछली राज्य सरकार में मंत्री रहने के दौरान भूमि नियमितीकरण आदेश को लेकर कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा हंगामा करने के बाद सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी दलों के सभी नेता सदन के वेल मिल में आ गए और सदन की कार्यवाही को बाधित करते हुए अब्दुल सत्तार के इस्तीफे की मांग करने लगे. सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने आरक्षित भूमि के कब्जे के 'नियमितीकरण' के आदेश में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सत्तार के इस्तीफे की मांग की.
सत्तार पर लगा अनियमितता का आरोप
बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में राजस्व मंत्री रहने के दौरान जून 2022 में अब्दुल सत्तार ने भूमि नियमितीकरण का आदेश पारित किया था. विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने आरोप लगाया कि इस आदेश के तहत 150 करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुई हैं और सत्तार का भूमि नियमितीकरण आदेश अदालत के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि मंत्री सत्तार ने अपने पद का दुरुपयोग किया था, इसलिए उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हुए भारी हंगामे के बाद विधानसभा पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने पिछले हफ्ते अब्दुल सत्रार को एक सिविल कोर्ट के आदेश के बावजूद सभी लोगों के लिए चारागाह के लिए आरक्षित भूमि का अधिकार (कब्जा) किसी एक व्यक्ति के नाम करने के लिए नोटिस जारी किया था. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता श्याम देवले और एक अन्य व्यक्ति ने याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक उपयोक के लिए 37 एकड़ चारागाह की भूमि को एक निजी व्यक्ति के पक्ष में नियमित कर दिया गया था. याचिकाकर्ता ने कहा कि यह तब किया गया जब उन निजी व्यक्ति के दावे को एक सिविल अपीलीय अदालत ने खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि सत्तार ने इस बात की जानकारी होते हुए कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश वाशिम ने निजी शख्स के दावे को खारिज कर दिया है, भी यह आदेश पारित किया. हाई कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश वाशिम ने टिप्पणी भी की थी कि वह शख्स उस सरकारी जमीन को हड़पना चाहता है. हाई कोर्ट में अब इस मामले पर 11 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी.
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