Maharashtra Budget Session: बजट सत्र के पहले दिन सरकार ने पेश की 6,383 करोड़ रुपये की पूरक मांगें, ग्रामीण योजनाओं पर जोर
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने बजट सत्र के पहले दिन 6,383.97 करोड़ रुपये की पूरक मांगें पेश कीं और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर दिया है. जानिए और क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं.
Maharashtra Assembly Budget Session: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को 6,383.97 करोड़ रुपये की पूरक मांगें पेश कीं. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर दिया गया और गांवों में बिजली बिल के भुगतान और कृषि ऋण माफी के लिए धनराशि चिह्नित की गई है. वार्षिक बजट में आवंटित राशि से अधिक अतिरिक्त व्यय को कवर करने के लिए सदन में अनुपूरक मांगें प्रस्तुत की जाती हैं.
किसके लिए कितना किया गया प्रावधान
विधानसभा में पेश 6,383.97 करोड़ रुपये की पूरक मांगों में से 2,224.72 करोड़ की राशि महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को गांवों में ‘स्ट्रीट लाइट’ के लंबित बिलों के भुगतान के लिए है, जबकि महात्मा ज्योतिराव फुले किसान ऋण माफी योजना के तहत प्रोत्साहन लाभ योजना के लिए 1,014 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है.
महाराष्ट्र विधानसभा में सीमा विवाद का उठा मुद्दा
आपको बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र (Maharashtra Budget Session 2023) के पहले दिन सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों को खाद्यान्न का उचित मूल्य देने, कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के समाधान और ऐतिहासिक शख्सियतों के सम्मान की मांग की. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट और अन्य दलों के विधायक विधान भवन की सीढ़ियों के पास इकट्ठा हुए और अपनी मांगों को लेकर नारे लगाने लगे.
क्या बोले विधायक?
एक विधायक ने कहा, “राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में ऐतिहासिक शख्सियतों का सम्मान हो. सरकार को खाद्यान्न के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के साथ-साथ लंबित महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा मुद्दे को हल करने के लिए योजनाएं बनाने की आवश्यकता है.” विपक्षी सदस्यों ने राज्य में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार को “ईडी” सरकार भी कहा.
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