Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने एबीपी न्यूज से बातचीत की है, इसमें उन्होंने कई मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी. उनसे जब पूछा गया कि 2019 में बीजेपी के साथ मिलकर आपको डिप्टी सीएम बनाया गया था तो उस समय शरद पवार, देवेंद्र फडणवीस के साथ गौतम अडाणी समेत कई लोग बैठक में मौजूद थे. इस पर अजित पवार ने जवाब देते हुए कहा कि बाकी लोग तो थे लेकिन गौतम अडानी शामिल नहीं थे.
एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा, ''आप अगर दिल्ली में काम करते हैं, दिल्ली में अलग-अलग जगह पर कोई अहम बैठक रहती है तो ये कभी गेस्ट हाउस में रहती है या कभी और दूसरी जगह होती है. एक बार गौतम अडानी के गेस्ट हाउस में बैठक हुई थी लेकिन वो कभी भी कोई भी बैठक में मौजूद नहीं रहे. बैठक में अमित भाई, प्रफुल्ल पटेल, मैं था, देवेंद्र फडणवीस जी थे, शरद पवार साहब थे. सभी मीटिंग में शरद पवार नहीं थे, लेकिन एक-दो मीटिंग में जरूर थे.''
पार्टी ने बीजेपी के साथ जाने का मन बनाया था- अजित पवार
अजित पवार ने कहा कि उस वक्त पार्टी ने बीजेपी के साथ जाने का मन बनाया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या ये पार्टी का फैसला था या शरद पवार का फैसला था? इस पर उन्होंने कहा, ''ये पार्टी का फैसला था. शरद पवार बाद में शिवसेना के साथ गए, उससे पहले वो बीजेपी के साथ जाना चाहते थे. ये मुद्दा हमारे लिए अभी अहम नहीं है. 20 तारीख को विधानसभा का चुनाव है. इस चुनाव के बाद हम सभी 2 घंटा बैठेंगे.''
आने वाले चुनाव में ये इश्यू नहीं है- अजित पवार
जब उनसे पूछा गया कि शरद पवार ने आपके ऊपर से अचानक हाथ क्यों खींच लिया? इस सवाल पर अजित पवार ने कहा, ''मैं इस बारे में अभी कुछ भी बात नहीं करना चाहता हूं. आने वाले चुनाव में ये इश्यू नहीं है. हमारा महायुति Vs महाविकास अघाड़ी और बाकी अलग-अलग निर्दलीय उम्मीदवार हैं, जो एक तरह से तीसरी अघाड़ी बनाई हुई है, वो अपन-अपना काम कर रहे हैं. मेरे हिसाब से ये ज्यादा महत्वपूर्ण है.
उद्योगपति और नेता अपना-अपना काम करते हैं- अजित पवार
अजित पवार ये ये भी पूछा गया कि उद्धव ठाकरे उस बैठक को लेकर निशाना साध रहे हैं, कि धारावी का प्रोजेक्ट हो, मुंबई या फिर महाराष्ट्र का कोई दूसरा प्रोजेक्ट हो, उसको अडानी को देने के लिए उनकी मौजूदगी में बैठक हुई थी. इसे उद्धव ठाकरे बड़ा मुद्दा बनाएंगे. इस पर उन्होंने कहा, ''ये बिल्कुल भी सच नहीं है. मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि अलग-अलग 6 बैठकें हुईं, उसमें से एक गेस्ट हाउस में हुई. वो बिल्कुल नहीं थे. एक भी बैठक में नहीं थे. उद्योगपति का उसमें कुछ काम ही नहीं रहता है. उद्योगपति अपना काम करते हैं और नेता अपना काम करते हैं.''
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