जितेंद्र आव्हाड के लिए खेसारी लाल यादव ने किया प्रचार, बोले- 'अखिलेश यादव ने मुझे कॉल किया और मैं उनकी...'
Maharashtra Election 2024: मुंब्रा कलवा सीट पर एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थन में प्रचार करने के लिए भोजपुर एक्टर खेसारी लाल यादव पहुंचे. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के कहने पर वे यहां आए थे.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में ठाणे की मुंब्रा कलवा सीट से एनसीपी (शरद गुट) उम्मीदवार जितेंद्र आव्हाड के समर्थन में वोट मांगने के लिए भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव पहुंचे. इस दौरान जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि खेसारी लाल यादव को बुलाने के लिए मुझे अखिलेश यादव तक पहुंच लगाना पड़ा. इसपर खेसारी लाल यादव ने कहा कि जितेंद्र सर सही बोल रहे हैं, इस कार्यक्रम को कराने के लिए अखिलेश यादव ने मुझे कॉल किया, उनकी बात को मैं कभी काटता नहीं, तो अपनी शूटिंग छोड़कर मुझे आना पड़ा.
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार तेज होता जा रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने जनता को लुभाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. राज्य की कई सीटों पर टक्कर का मुकाबला देखने को मिल रहा है, जिसमें मुंब्रा-कलवा सीट भी शामिल हैं.
खेसारी लाल यादव को बुलाने के लिए मुझे अखिलेश यादव तक पहुंच लगाना पड़ा" : NCP शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड
— Awanish Kumar Yadav (@AwanishYadavAU) November 6, 2024 [/tw]
"अखिलेश यादव जी मेरे दिल की धड़कन है बड़े भाई है में उनकी किसी बात को कभी काटता नहीं हूँ" : खेसारी लाल यादव@yadavakhilesh @khesariLY pic.twitter.com/XZfunJQYyV
जितेंद्र आव्हाड ने किया था बड़ा दावा
इससे पहले एनसीपी (SP) नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सत्ता में आती है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे. इसके साथ ही बीजेपी और आरएसएस पर देश की शांति को बाधित करने की कोशिश का आरोप लगाया.
वहीं शरद पवार की तारीफ करते हुए आव्हाड ने कहा, वे ऐसे नेता हैं जो न पीएम मोदी और न अमित शाह के सामने झुके. मैं जानता हूं कि कैसे शरद पवार ने एनसीपी को आगे बढ़ाने का काम किया है. उन्हें जब पांचवें स्टेज का कैंसर था, तब भी वे पार्टी को बचाने के लिए काम करते रहे. अजित पवार ने अपने ही चाचा शरद पवार को धक्का देकर पार्टी से बाहर निकाल दिया और उनका चुनाव चिन्ह भी चुरा लिया, ये पाकेटमार लोगों की टोली है."
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