Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच उत्तर प्रदेश द्वारा दिया गया नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' जोर शोर से गूंज रहा है. साथ ही इस नारे पर महाराष्ट्र में सियासत भी तेज हो गई है. दरअसल, इस नारे पर महायुति के नेताओं के बीच ही तकरार है. कोई इसे सही बता रहा है तो कोई कहता है ऐसे नारों की कोई जरूरत नहीं है. इस बीच बीजेपी की वरिष्ठ नेता पंकजा मुंडे ने भी इसका समर्थन नहीं किया है.
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बीजेपी की MLC पंकजा मुंडे ने कहा, "सच कहूं तो मेरी राजनीति अलग है. मैं सिर्फ इसलिए इसका समर्थन नहीं करूंगी क्योंकि मैं उसी पार्टी से हूं. मेरा मानना है कि हमें सिर्फ विकास पर काम करना चाहिए. एक नेता का काम इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना बनाना है. इसलिए हमें महाराष्ट्र में इस तरह का कोई मुद्दा लाने की जरूरत नहीं है."
पकंजा मुंडे से पहले महायुति में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अजित पवार भी इस नारे का विरोध कर चुके हैं. उनका कहना है कि महाराष्ट्र में 'बटेंगे को कटेंगे' नारा काम नहीं करेगा. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा, "मैं यह कई बार कह चुका हूं कि यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा. हो सकता है यह यूपी, झारखंड या अन्य जगहों पर काम करता हो."
पंकजा मुंडे को साइडलाइन करने का आरोप
बता दें कि पंकजा मुंडे बीजेपी के बड़े नेता रहे दिवगंत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. उनके समर्थक मानते हैं कि बीजेपी के इस युग में पकंजा मुडे को साइड लाइन कर दिया गया है. हालांकि पकंजा मुंडे की विरासत की वजह और उनके बड़े ओबीसी चेहरा होने की वजह से पार्टी उन्हें नजर अंदाज नहीं कर सकती. पंकजा हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में अपनी सीट पर चुनाव हार गईं. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें एमएलसी पद दिया.
महायुति में हुए समझौते की वजह से मुंडे परिवार की परली सीट एनसीपी को मिली है और एनसीपी ने यहां पकंजा के चचेरे भाई धनंजय मुंडे को चुनाव मैदान में उतारा है.
2019 में आमने- सामने लड़े थे पंकजा और धनंजय
साल 2019 के चुनाव में परली सीट से पंकजा और धनंजय आमने सामने लड़े थे. इस सीट पर धनंजय को जीत हासिल हुई थी. हालांकि पंकजा ने अब कहा है कि उन्हें दुख होता है कि बीजेपी परली सीट से चुनाव नहीं लड़ रही, लेकिन उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वो एनसीपी को वोट दें.
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