Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: मुंबई में 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए सभी कर्मचारियों को छुट्टी देना अनिवार्य होगा. यह आदेश मुंबई के जिला निर्वाचन अधिकारी और निगम आयुक्त भूषण गगरानी ने दिया है. साथ ही नियमों का पालन नहीं करने वाले वर्कप्लेस पर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई की जाएगी.


बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भूषण गगरानी द्वारा निर्देशित ग्रेटर मुंबई क्षेत्र (मुंबई उपनगरीय जिला और मुंबई सिटी जिला) में काम करने वाले व्यवसायों, व्यापारों, औद्योगिक समूहों, निगमों, कंपनियों और संस्थानों, औद्योगिक उपक्रमों और अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वाले सभी श्रमिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करना होगा. वोटिंग वाले दिन यानी 20 नवंबर 2024 को संबंधित नियोक्ताओं को अवकाश स्वीकृत करना अनिवार्य होगा.


भारत निर्वाचन आयोग के साथ-साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाराष्ट्र के निर्देशानुसार ग्रेटर मुंबई क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी और ग्रेटर मुंबई नगर आयुक्त भूषण गगरानी के मार्गदर्शन में विभिन्न नवीन गतिविधियां शुरू की जा रही हैं. इस पृष्ठभूमि में मुंबई उपनगरीय जिले और मुंबई सिटी जिले के सभी मतदाताओं को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के अपने अधिकार का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.


आदेश में क्या?



  • जिस मतदान क्षेत्र में चुनाव हो रहा है, वहां किसी व्यवसाय, व्यापार, औद्योगिक उपक्रम या किसी अन्य प्रतिष्ठान में लगे हर व्यक्ति और

  • राज्य विधानसभा चुनाव में मतदान करने के हकदार व्यक्ति को मतदान के दिन यानी 20 नवंबर 2024 को छुट्टी दी जाएगी.

  • यह नियम सभी औद्योगिक समूहों, निगमों, कंपनियों और संस्थानों, औद्योगिक उपक्रमों या अन्य प्रतिष्ठानों आदि पर लागू होगा.

  • इस छुट्टी के बदले संबंधित व्यक्ति के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी. 

  • किसी भी नियोक्ता द्वारा इन नियमों या प्रावधानों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135(बी) के अनुसार, किसी भी मतदाता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

  • इसके अलावा असाधारण परिस्थितियों में मजदूरों, कर्मचारियों, अधिकारियों आदि को कम से कम चार घंटे की छूट दी जा सकती है यदि मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए पूरे दिन की छुट्टी देना संभव नहीं है.

  • यदि यह पाया जाता है कि कोई व्यक्ति छुट्टी या रियायत न मिलने के कारण अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गया है, तो संबंधित नियोक्ता के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.



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