Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सत्ताधारी शिवसेना शिंदे गुट और शिवसेना उद्धव गुट में तनातनी बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां उद्धव ठाकरे गुट मराठा समाज के आरक्षण के मुद्दे पर शिंदे सरकार को घेर रहा है तो वहीं मराठा समाज के युवकों पर एट्रोसिटी के दर्ज मामले पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना उद्धव गुट को घेर रही है. 


दरअसल, शिवसेना शिंदे गुट का आरोप है कि उद्धव ठाकरे समूह का मराठा समाज के प्रति दोहरा रवैया है. शिवसेना शिंदे गुट ने आरोप लगाया है कि मराठा समुदाय के लोगों पर अत्याचार के झूठे मामले दर्ज कराने वाली पूर्व नगरसेविका प्रवीणा मोरजकर को उम्मीदवार घोषित कर मराठा समाज को ठेस पहुंचाया है. बता दें कि उद्धव ठाकरे ने मुंबई के 21 विधानसभा सीट पर संभावित उम्मीदवार बता दिए हैं, जिसमें कुर्ला से पूर्व नगरसेविका प्रवीणा मोरजकर का नाम भी है. 


शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता अरुण सावंत ने कहा, "शिवसेना यूबीटी एक तरफ मराठा समुदाय के वोट लेना चाहती है और दूसरी तरफ वे पूर्व नगरसेवक प्रवीणा मोरजकर जैसे व्यक्ति को नामांकित करना चाहती है, जिन्होंने मराठा समुदाय के खिलाफ झूठे अत्याचार के मामले दर्ज किए हैं." 


'मराठा समाज के मामले में यूबीटी की दोहरी भूमिका'
उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के मामले पर शिवसेना यूबीटी दोहरी भूमिका निभाती है. शिवसेना प्रवक्ता अरुण सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता 100 फीसदी इस पर फैसला करेगी और उनके खिलाफ खड़ी होगी.


बता दें कि कुर्ला विधानसभा अन्तर्गत पूर्व शिवसेना यूबीटी नगरसेविका प्रवीणा मनीष मोरजकर ने अपने कार्यकाल के दौरान मराठा समुदाय के 11 से अधिक लोगों के खिलाफ कथित झूठे अत्याचार के मामले दर्ज किए थे. इस मामले को लेकर संभाजी ब्रिगेड संगठन ने शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था. 


शिवसेना यूबीटी ने शिंदे सरकार को घेरा
वहीं शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता आनंद दुबे का कहना है कि शिंदे सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने से लेकर महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल रही है. विधानसभा चुनाव में शिंदे गुट को अपनी हार साफ नजर आ रही है इसलिए वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे मुद्दे उछाल रही है.


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