महाराष्ट्र की सियासत में 9 नंबर का खेल, कौन हुआ पास-कौन फेल?
Maharashtra Election 2024: बालासाहेब ठाकरे के राजनीतिक करियर में 9 अंकों की छवि देखी जा सकती है. महायुति के दलों ने जो उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की हैं उनमें भी इसकी झलक देखी गई है.
Maharashtra Assembly Election 2024: चुनाव में खेल आंकड़ों का होता है. सभी पार्टियां संख्या बल के दम पर सत्ता हासिल करने की कोशिश करते हैं. ऐसा कहा जाता है की 9 राजनेताओं के लिए भाग्यशाली अंक है. इस साल भी बीजेपी, शिवसेना और एमएनएस ने अंकज्योतिष पर आधार पर लिस्ट जारी कर दी है.
चुनाव और संख्या के आधार पर सत्ता हासिल करने के लिए सभी पार्टियों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है. राजनेताओं के भाग्यशाली अंक 9 की छवि इस बार के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रही है. बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी की, जिसमें 99 उम्मीदवारों को मौका दिया गया है. इसके साथ ही मनसे ने भी 45 और शिवसेना ने भी 45 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की है. इन सभी का योग 9 होता है जो सार्वभौमिक भाग्यशाली संख्या है. राजनीतिक दलों में यह अंक शुभ माना जाता है.
वहीं राज ठाकरे ने 'एकला चलो रे' की भूमिका निभाते हुए इस बार के विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. राज ठाकरे की ओर से 45 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की गई है. जिसमें अंक 4+5 = 9 दिखाई देता है. 9 अंक की छाप राज ठाकरे के राजनीतिक कार्यकाल में न सिर्फ एमएनएस बल्कि शिवसेना काल से भी देखी जा सकती है.
राज ठाकरे का भी पसंदीदा नंबर है 9
राज ठाकरे और 9 उनके पसंदीदा नंबर के रूप में जाना जाता है. राज ठाकरे की गाड़ियों के नंबर प्लेट से लेकर पार्टी के गठन तक हम 9 नंबर की छाप देखते हैं. इस वजह से राज ठाकरे के लिए नौ नंबर की अहमियत बहुत ज्यादा है. इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए 45 उम्मीदवारों की सूची दी गई है. इस पर 9 अंक भी अंकित है.
प्रमोद महाजन की थी अहम भूमिका
बता दें इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट घोषित कर बाजी मार ली है. 99 सीटों की सूची का ऐलान करते वक्त ऐसा लग रहा है कि आंकड़ों का मिलान करने की कोशिश की जा रही है. अंक 99 को मिलाए तो शुभ अंक 9 देखा जा सकती है. 9 आंकड़ा बीजेपी और शिवसेना के लिए महत्व गठबंधन की शुरुआती से ही देखने को मिलता रहा है. जिसमें प्रमोद महाजन की प्रमुख भूमिका थी.
दरअसल, प्रमोद महाजन गठबंधन के सूत्रधार थे. बीजेपी के साथ गठबंधन के दौरान शिवसेना 170 और बीजेपी 118 का फार्मूला तय हुआ था, लेकिन प्रमोद महाजन ने बालासाहेब ठाकरे से चर्चा के बाद फॉर्मूला बदलकर शिवसेना को 171 सीटें दी और बीजेपी के लिए 117 सीटें ली. जिसे बालासाहेब ठाकरे ने भी स्वीकार कर लिया और इसकी वजह थी 9 नंबर. प्रमोद महाजन चाहते थी की दोनों पार्टियों को 9 संख्या का आंकड़ा मिले जो उनके लिए शुभ होगा.
बालासाहेब ठाकरे के सियासी सफर में 9 अंक का महत्व
बालासाहेब ठाकरे के राजनीतिक करियर में 9 अंकों की छवि देखी जा सकती है. साथ ही इसे कई शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भी प्रभावित हुए. इसी वजह से एकनाथ शिंदे ने भी 9 अंकों में बने रहने की कोशिश की. इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में 45 सीटों की सूची की घोषणा.
राजनीति में अंक ज्योतिष का महत्व
अंक ज्योतिष पर बहुत से लोग विश्वास नहीं करते हैं, लेकिन राजनीतिक दलों में नेताओं में इसका बहुत महत्व है. कई नेता और कार्यकर्ता उन्हें फॉलो करते नजर आ रहे हैं. बीजेपी, शिवसेना और एमएनएस के उदाहरण भी सामने हैं. हालांकि इस बीच कभी सफलता तो कभी असफलता हाथ लगती है. इसलिए यह देखना अहम होगा कि इस साल सियासी अखाड़े में कौन बाजी मारेगा और कौन बाजी मारेगा.
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