Maharashtra: 'मुख्यमंत्री चेहरे की बजाय हमें...', शरद पवार गुट के जयंत पाटिल की MVA को नसीहत
Maharashtra Election 2024: एमवीए के सहयोगियों को सलाह देते हुए एनसीपी (SP) अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि घटक दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने वाले हैं, इसपर एकतरफा फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं.
Maharashtra Assembly Election 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि महाविकास अघाडी (MVA) के घटक दलों को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करने के बजाये राज्य की सत्ता में लौटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि एमवीए के किसी भी सहयोगी दल को एकतरफा यह घोषणा नहीं करनी चाहिए कि वह कितनी सीट पर चुनाव लड़ रहा है, क्योंकि आगामी चुनावों में जीतने की क्षमता ही एकमात्र मानदंड होगी.
बता दें कि एमवीए में एनसीपी-शरदचंद्र पवार, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं. एमवीए नवंबर 2019 में राज्य की सत्ता में था. हालांकि, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बगावत के बाद शिवसेना विभाजित हो गई और जून 2022 में सरकार गिर गई. एमवीए के तीन सहयोगियों में से एनसीपी-शरदचंद्र पवार ने लोकसभा चुनाव में 10 सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से आठ पर पार्टी ने जीत हासिल की थी.
जयंत पाटिल ने और क्या कहा?
जयंत पाटिल पार्टी से संबंधित कार्यक्रमों और बैठकों में भाग लेने के लिए शहर में मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महाविकास अघाडी के घटक दलों को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने के बजाए सत्ता में वापसी को प्राथमिकता देनी चाहिए. गठबंधन के सदस्यों के बीच अंतर को रोकने के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए.
जयंत पाटिल ने विधानसभा चुनाव के लिए एमवीए में सीट बंटवारे के मुद्दे पर कहा कि सहयोगी दलों ने 25 जून को बैठक की योजना बनाई थी. लेकिन, उस दिन कांग्रेस की भी बैठक थी, इसलिए नई तारीख तय की जाएगी. उन्होंने कहा, ''घटक दल कितनी सीट पर चुनाव लड़ने वाले हैं, इसपर (एकतरफा) फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है. आगामी चुनावों में उम्मीदवारों के लिए जीत की संभावना ही मापदंड होगी और हम ऐसे उम्मीदवारों का ही समर्थन करेंगे."
बता दें कि इस वर्ष लोकसभा चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना-यूबीटी ने राज्य की कुल 48 सीट में से 21 पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी. हालां,कि इस फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया था और कहा था कि एमवीए के हर घटक दल को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए. कांग्रेस ने आखिरकार 17 सीट पर चुनाव लड़ा था.
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