MVA Seat Sharing Formula: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. इस गठबंधन में शिवसेना (UBT) की भूमिका प्रमुख मानी जा रही है, लेकिन कांग्रेस भी अपनी मांगों पर अड़ी हुई है. चुनाव में मुंबई की सीटों को लेकर सबसे अधिक खींचतान हो रही है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी अपनी-अपनी दावेदारियां पेश कर चुकी हैं, और सभी दल अधिकतम सीटें हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं.


किसने कितनी सीटों पर ठोका दावा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, MVA के नेताओं के बीच मुंबई की सीटों पर योग्यता के आधार पर चुनाव लड़ने की सहमति बन रही है. ABP माझा के अनुसार, उद्धव ठाकरे की शिवसेना मुंबई की 20 से 22 सीटों पर दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस 13 से 15 सीटों की मांग कर रही है, और शरद गुट की एनसीपी 5 से 7 सीटों पर जोर दे रही है. ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि MVA की आगामी बैठक में मुंबई के सीटों को लेकर सभी दलों के बीच कोई ठोस समझौता हो पाता है या फिर किसी नए फॉर्मूले की मांग उठेगी.


लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को कुल 30 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें कांग्रेस ने 13, ठाकरे समूह ने 9 और शरद पवार की एनसीपी ने 8 सीटें जीती थीं. इस प्रदर्शन के बाद, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आत्मविश्वास बढ़ा है, और ऐसे में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ज्यादा सीटों पर जोर दे सकती है. अब यह देखना होगा कि MVA के नेता इस चुनौती से कैसे निपटेंगे.


मुंबई में लोकसभा चुनाव में ठाकरे समूह का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा था, जिसमें उन्होंने 6 में से 3 सीटों पर जीत दर्ज की थी. नॉर्थ वेस्ट मुंबई सीट पर अमोल कीर्तिकर महज 47 वोटों से हार गए थे. मुंबई हमेशा से शिवसेना के लिए महत्वपूर्ण रही है, और आगामी विधानसभा चुनाव के बाद होने वाले नगर निगम चुनावों में भी यह अहम भूमिका निभा सकती है. यदि मुंबई में ज्यादा विधायक चुनकर आते हैं, तो उद्धव ठाकरे अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं और मुंबई नगर निगम पर अपना नियंत्रण बनाए रख सकते हैं. यही कारण है कि ठाकरे समूह विधानसभा चुनाव में मुंबई से अधिक सीटें पाने की कोशिश कर रहा है.


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