Praful Patel Exclusive Interview: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच गहमागहमी बढ़ गई है. ऐसे में नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप के साथ प्रदेश में पोस्टर विवाद को लेकर सियासी तकरार भी बढ़ गई है. इस बीच अजित गुट के एनसीपी राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने प्रदेश में पीएम मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और सीएम योगी अदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' जैसे बयानों पर छपे पोस्टर को लेकर एबीपी न्यूज से बात कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. 


सवाल: महाराष्ट्र में बीजेपी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के जो पोस्टर छपवाए हैं, उसमें मुस्लिम धर्म को छोड़कर सभी धर्म के लोगों की टोपी दिखाई देती है, ऐसा क्यों?


प्रफुल्ल पटेल का जवाब: हम महायुति में बीजेपी और शिवसेना के साथ हैं. हमने मजबूत गठबंधन किया है. हमारा आज महायुति में जो अलायंस है, वो प्रभावी है और काम के आधार पर, विकास के आधार पर महाराष्ट्र की जनता पूर्ण बहुमत के साथ जीताएगी. रही बात विज्ञापन की तो हर पार्टी अपनी विचारधारा के हिसाब से विज्ञापन दे रही है, उसमें किसी को कोई दिक्कत होने की बात नहीं है. जहां तक विकास का एजेंडा है, हमको लगता है कि देश में जो भी फिजूल की बातें होती हैं धर्म और जाति की, ये सब पीछे रह जाएंगी जब देश विकसित होगा.


सवाल: अजित पवार 'बटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारे से खुद को अलग रखते हैं? 


एनसीपी नेता का जवाब: शिव, साहू, फुले, अंबेडकर के विचारों के आधार पर हमारी पार्टी चलती है. हमारे 10 प्रतिशत उम्मीदवार मुस्लिम हैं. हमारी भूमिका स्पष्ट है, हम चाहेंगे कि उन्नति प्रगति के आधार पर महाराष्ट्र आगे बढ़े. सबसे ज्यादा कट्टर तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना ही है. क्या कभी उद्धव ठाकरे ने जो नरसंहार हुआ उसके लिए माफी मांगी?"


सवाल: क्या अजित पवार चाहते हैं कि उनके स्ट्रॉन्ग होल्ड में बीजेपी के बड़े नेता कैंपेन न करें?


पटेल का जवाब: ये कहना गलत है कि अजित पवार चाहते हैं कि पीएम मोदी और अमित शाह उनके चुनाव क्षेत्र में नहीं आएं. ये स्थानीय चुनाव है ऐसे में हर निर्वाचन क्षेत्र में बड़े नेता का आना संभव नहीं होता और वहां के उम्मीदवार भी ऐसा नहीं चाहते हैं. अफवाहों पर ध्यान न दें. महायुति में आपस में तालमेल बहुत बढ़िया है."


वहीं नवाब मलिक को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि किसी को भी दोषी नहीं मान सकते जब तक उसे कानून दोषी नहीं मानता है. अगर आरोप पर किसी को आपत्ति होगी, तो हम इसे बहस का मुद्दा नहीं बनाएंगे. हमने अपने उम्मीदवार को पार्टी का समर्थन दिया है और हम अपनी बात पर कायम हैं.



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